धानापुर कस्बे मे हो रहें ऐतिहासिक रामलीला के तीसरे दिवस पर भगवान श्रीविष्णु की स्तुति आरती समिति के अध्यक्ष अरविन्द मिश्रा, रोशन सिंह,गौतम चौरसिया, रामरतन सेठ,निक्कू श्रीवास्तव किया, उसके पश्चात लीला का मंचन आरम्भ हुआ,
लीला मे पृथ्वी पर रावण के द्वारा अत्याचार बहुत अधिक बढ़ गया था, जिससे पृथ्वी बहुत ही व्याकुल हो चुकी थीं,उससे निजात दिलाने के लिए पृथ्वी और सभी देवताओं ने विष्णु लोक जाकर भगवान से राजा दसरथ के यहां अवतार लेने का आग्रह किया,, आग्रह के पश्चात ही भगवान श्रीविष्णु सभी देवताओं से कहते की वह जल्द ही अयोध्या मे राजा दसरथ के यहां पुत्र रूप मे अवतार लेंगें, इधर मंचन मे राजा दसरथ के द्वारा पुत्रेष्ठी यज्ञ करवाते है,यज्ञ के द्वारा प्राप्त फल को तीनो रानीयों मे बराबर भाग मे बाट दिया जाता है,आगे के लीला मे तीनो रानीयों चार पुत्र होते है,
जिसमे रानी कौसल्या के एक पुत्र राम,रानी सुमित्रा को दो पुत्र लक्ष्मण और शत्रुघ्न और तीसरी रानी कैकेई को एक पुत्र भरत हुए,सभी कलाकारों जिवंत मंचन किया, चारो भाइयों को होते ही उपस्थित रामयन गाने वाले सभी लोग भए प्रगट कृपाला दीन दयाला कौसल्या हित कारी का चौपाई पढ़ने लगते है,उपस्थित सभी दर्शक भक्त लोग नाचने गाने लगते है, साथ सोहर का गायन भी होता सभी कलाकारों द्वारा,आगे के मंचन मे राजा दसरथ सभी प्रजा मे स्वर्ण धन, अन्न धन सहित कई वस्तुओ का दान किया जाता है, इस जन्म लीला के देखने के लिए काफ़ी संख्या मे लोग भी उपस्थित थे,सभी को समिति ने प्रसाद वितरण भी किया,,
लीला मंचन के समय समिति के अध्यक्ष को अनिल यादव और बिपिन रस्तोगी के द्वारा अंग वस्त्र एवं भगवान विश्वकर्मा चित्र देकर उनका सम्मान किया गया,