वाराणसी
मंडलायुक्त एस राजलिंगम की अध्यक्षता में कमिश्नरी सभागार में काशी तमिल संगमम 2025 (केटीएस 4.0) के आयोजन हेतु बैठक आयोजित हुई जिसमें मंडलायुक्त ने बताया कि वाराणसी में 2 दिसंबर से काशी तमिल संगमम 4.0 का आयोजन होने जा रहा है। मंडलायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी काशी तमिल संगमम-4 का भव्य आयोजन किए जाने हेतु सभी आवश्यक तैयारियां समय से सुनिश्चित किए जाएं।
काशी तमिल संगमम में काशी आने वाले सभी प्रतिभागियों को स्टेशन से उनके ठहरने वाले स्थलों तथा कार्यक्रम के दौरान नमोघाट, बीएचयू आदि अन्य स्थलों तक आने जाने के लिए समुचित बसों/वाहनों का प्रबंध किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रतिभागियों के ठहरने वाले होटलों के कमरों की स्थिति आदि का अविलंब सत्यापन किए जाने हेतु निर्देशित किया।
इसके साथ ही उनके भोजन आदि के बेहतर प्रबंध को भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मंडलायुक्त ने काशी तमिल संगमम के कार्यक्रमों के सफल आयोजन हेतु नोडल अधिकारियों की तैनाती, प्रतिभागियों की सुविधा व जानकारी हेतु हेल्प डेस्क भी बनाने के निर्देश दिए। इस दौरान नमोघाट पर लगाए जाने वाले स्टाल्स आदि के साथ ही विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, एकेडमिक सेशंस सहित आयोजित होने वाले अन्य कार्यक्रमों की तैयारी ससमय कर लिए जाने के निर्देश दिए।
मंडलायुक्त ने पूरे आयोजन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की उचित व्यवस्था करने के साथ अतिथियों की सुरक्षा, उचित चिकित्सकीय व्यवस्था और हाइजीन का उचित प्रबंधन करने को कहा। उन्होंने भासनी (BHASHINI) ऐप का अधिकाधिक डाउनलोड बढ़ाने को कहा जिससे की इस ऐप के द्वारा हिंदी में बोला गया शब्द तमिल भाषा में बताएगा जिससे किसी भी व्यक्ति को तमिल भाषा समझना बहुत सरल होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना पर आधारित यह दो-सप्ताह का कार्यक्रम तमिलनाडु और काशी के बीच सांस्कृतिक और बौद्धिक संबंधों को मजबूत करेगा। इस बार का संगमम ” चलो तमिल सीखें – करपोम तमिल की थीम पर आधारित है, जिसका उद्देश्य भारतीय भाषाओं की एकता को बढ़ावा देना और तमिल भाषा के ज्ञान को देश के अन्य हिस्सों में फैलाना है।
इस आयोजन में तमिलनाडु से 1,400 से अधिक प्रतिनिधि — सात विभिन्न श्रेणियों में — छात्र, शिक्षक, लेखक एवं मीडिया प्रतिनिधि, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र, पेशेवर एवं शिल्पकार, महिलाएँ तथा आध्यात्मिक विद्वान — काशी की यात्रा पर आएंगे, जहाँ वे दोनों प्रदेशों के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंधों को साझा करेंगे और उनका उत्सव मनाएँगे। इस बार के संगमम में कुछ खास आकर्षण भी हैं।
15 दिसंबर को रामेश्वरम में होने वाला समापन समारोह इसका एक बड़ा हिस्सा होगा। इसके अलावा, दो नई पहलों की शुरुआत भी की जाएगी। पहली पहल है “तमिल करपोम”, जिसके तहत उत्तर भारत के छात्रों को तमिलनाडु में तमिल सीखने का मौका मिलेगा। दूसरी पहल “अगस्त्य एक्सपीडिशन” है, जो तेंकासी से काशी तक की यात्रा होगी और तमिलनाडु के देश के प्रति योगदान को उजागर करेगी।
गौरतलब है कि काशी तमिल संगमम की शुरुआत 2022 में हुई थी। पहला संस्करण 16 नवंबर से 15 दिसंबर 2022 तक चला था। यह शिक्षा मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से आयोजित किया गया था। इसमें तमिलनाडु से 2,500 से अधिक लोग वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या की 8-दिवसीय यात्रा पर आए थे। यह कार्यक्रम बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में आयोजित हुआ था। दूसरा संस्करण 17 से 30 दिसंबर 2023 तक वाराणसी के नमो घाट पर हुआ था। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
इस दौरान पहली बार प्रधानमंत्री के भाषण का तमिल में रियल-टाइम, ऐप-आधारित अनुवाद किया गया था, जिससे वहां आए तमिल प्रतिनिधियों को काफी सुविधा हुई। तीसरा संस्करण 15 से 24 फरवरी 2025 तक आयोजित हुआ था। इसमें ऋषि अगस्त्य की विरासत पर जोर दिया गया था और भारतीय ज्ञान परंपरा को आज के समय से जोड़ा गया था। इस कार्यक्रम में तमिलनाडु से लगभग 1,000 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। इसके अलावा, विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों के 200 छात्रों ने भी इसमें हिस्सा लिया था।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार, मुख्य विकास अधिकारी प्रखर कुमार सिंह, मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र, एडीएम प्रशासन विपिन कुमार, अपर नगर आयुक्त सविता यादव, शिक्षा विभाग, आईआरसीटीसी सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।











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