अशोक इंटर कॉलेज बबुरी में वौना साबित हुए प्राधिकृत नियंत्रक इनके आदेशों की उड़ाई जाती है धज्जियां।

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चन्दौली बबुरी 

अशोक इंटर कॉलेज बबुरी में भ्रष्टाचार की जड़ इतनी गहरी हो चुकी है ,की प्रशासक के रूप में नियुक्त जिला विद्यालय निरीक्षक चंदौली के भी आदेशों का पालन अब नहीं किया जाता है। जबकि भ्रष्टाचार में लिप्त विद्यालय के प्रबंधक व प्रबंध समिति को शासन ने 16 डी की कार्यवाही के तहत निलंबित कर दिया है ,उसके बाद प्राधिकृत नियंत्रकके रूप में जिला विद्यालय निरीक्षक चंदौली कोनियुक्त किया गया है, प्रशासक को नियुक्त हुए लगभग 4 महीने से ऊपर हो चुके हैं लेकिन विद्यालय में आज तक किसी भी व्यवस्था में सुधार दिखाई नहीं दिया, बल्कि दिन – प्रतिदिन शिक्षा के स्तर में गिरावट ,अराजकता ,और लापरवाही बढ़ती ही जा रही है ,

दिनांक 15 -11- 2025 , दिन- शनिवार को जिला विद्यालय निरीक्षक /प्राधिकृत नियंत्रक ने विद्यालय में आकर के एक बैठक बुलाई और बैठक में तमाम कमियों को मद्दे नजर रखते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य और अध्यापकों को कड़ी फटकार लगाई और सुधर जाने के लिए हिदायत भी दी ,लेकिन इसका कोई भी प्रभाव विद्यालय तथा प्रधानाचार्य पर नहीं पड़ा ,उसके बावजूद प्रबंधक के समधि जो प्रधानाचार्य के पद पर विद्यालय में उपस्थित है, निलंबित प्रबंधक के सह पर एवं दबाव में प्रधानाचार्य द्वारा आज भी भ्रष्टाचार अराजकता, अवैध फीस वसूली लूट – खसोट का कार्य जारी है।

यही नहीं प्रधानाचार्य को पैसे की इतनी हवस हो गई है की विद्यालय में चल रहे मिड डे मील मे घोर अनियमितता करके उस पैसे एवं धन का व्यक्तिगत उपयोग कर रहे हैं ,जब कि विद्यालय में कैमरा लगा है ,अधिकारी कभी भी किसी समय बच्चों की संख्या कमरे में चेक कर सकते हैं, लेकिन अधिकारियों के द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है विद्यालय के जूनियर सेक्शन में 30 -से 40 बच्चों के उपस्थित रहने के बावजूद 200 बच्चों की उपस्थिति लगाई जाती है , और यही नहीं प्रधानाचार्य पैसा लेकर के अपने चहेते अध्यापकों को अवकाश भी देने का काम करते है।

अशोक इंटर कॉलेज बबुरी की दिन – प्रतिदिन अब स्थितियां बिगड़ती जा रही है, आए दिनों विद्यालय में 8 से 10 अध्यापक प्रति -दिन अनुपस्थित रहते हैं, इसके बावजूद भी प्रधानाचार्य के ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है प्रधानाचार्य स्वयं नहीं चाहता है कि यहां का विकास हो ,यहां शिक्षा का स्तर अच्छा हो यहां पढ़ाई सुचारू रूप से चले , विद्यालय की समुचित साफ सफाई हो ,। अब तो विद्यालय में ना तो कोई विकास का कार्य होता है ना तो पढ़ाई हो रही है ना तो क्लास चलते हैं ना तो बच्चों के बैठने की समुचित व्यवस्था है ,

जिस कारण विद्यालय में दिन भर फील्ड में और सड़कों पर बच्चे टहलते नजर आते हैं , ऐसे लापरवाह गैर जिम्मेदार व भ्रष्टाचार में लिप्त प्रधानाचार्य को शासन के द्वारा शक्ति पूर्वक उचित कार्यवाही करते हुए इन्हें निलंबित कर जेल भेज देना चाहिए ।विद्यालय में विकास व साफ सफाई न होने के कारण छतो पर एवं भवन की दीवाल पर घास और पौधे भी उगना शुरू हो गए हैं जिस कारण विद्यालय का भवन जर्जर होता चला जा रहा है , विगत 10 वर्षों से कोई साफ सफाई नहीं किया गया है,।

विद्यालय की दयनीय स्थिति को सुधारने व्यवस्था को सुचारू रूप से चलने एवं भ्रष्टाचार मुक्त विद्यालय बनाने के लिए प्राधिकृत नियंत्रक के रूप में जिला विद्यालय निरीक्षक चंदौली को विद्यालय में नियुक्त किया गया है, इनके विभिन्न आदेशों की बाद भी किसी भी प्रकार का प्रभाव विद्यालय व्यवस्था पर नहीं पड़ रहा है। अब जिला विद्यालय निरीक्षक चंदौली व प्रशासक का आदेश भी इस विद्यालय पर वौना साबित हो रहा है। क्षेत्र की जनता न्याय के लिए अब कहां जाए और किससे उम्मीद करें।

अब आगे यही देखना है कि जिला विद्यालय निरीक्षक चन्दौली / प्राधिकृत नियंत्रक के द्वारा कौन सी उचित कार्यवाही किया जा रहा है जिससे विद्यालय की स्थिति और व्यवस्था सुधर सके।

 

 

रिपोर्ट – अलीम हाशमी

 

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