सकलडीहा में गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के मंडल प्रवक्ता मणि देव चतुर्वेदी के नेतृत्व में बीस से अधिक गांवों के किसानों ने उपजिलाधिकारी कुंदन राज कपूर को एक ज्ञापन सौंपा।
किसानों ने असमय हुई अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे, पूरे जनपद को आपदा प्रभावित जिला घोषित करने और इस वर्ष किसी भी प्रकार की वसूली रोकने की मांग की।
ज्ञापन सौंपने वाले गांवों में लेहरा, खडेहरा, मनिहरा, ताजपुर, दुर्गापुर, इटवां, जलालपुर, रिष्टि, धरहरा, विशुनपुरा, गोहदा, अमवाल, पंडुकपुर, सलेमपुर, डेढावल, दुदौली, बभनपुरा, रैपुरा आदि शामिल थे।

किसानों ने जल्द से जल्द सर्वे कराने की चेतावनी दी।
मंडल प्रवक्ता मणि देव चतुर्वेदी ने कहा कि जनपद में सर्वे की कोई आवश्यकता नहीं है। दो बार बाढ़ और एक बार असमय अतिवृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। इस आधार पर पूरे जनपद को ही आपदा प्रभावित जिला घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने किसान ऋण और बिजली बिल माफ करने की भी मांग की।
चतुर्वेदी ने कहा कि यदि माफी संभव न हो, तो कम से कम एक साल के लिए बिजली बिल जैसी सभी प्रकार की वसूली बंद होनी चाहिए। उन्होंने जन प्रतिनिधियों पर इस गंभीर समस्या से मुंह मोड़ने का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें शासन से पत्र व्यवहार करना चाहिए।
किसानों ने शिकायत की कि कई गांवों में अभी तक सर्वे नहीं हुआ है और लेखपाल टालमटोल कर रहे हैं। आरोप है कि घर बैठे ही सर्वे किया जा रहा है। उपजिलाधिकारी सकलडीहा को चेतावनी दी गई कि यदि दो दिन में लेखपाल संबंधित गांव के किसानों से नहीं मिलेंगे, तो किसान तहसील परिसर में धरने पर बैठेंगे। एसडीएम ने इस मामले में तीन दिन का समय मांगा है।
किसान ऋण माफी, बिजली बिल माफी के साथ-साथ कम से कम एक साल के लिए किसान संबंधित सभी प्रकार की वसूली बंद करने की मांग को लेकर शनिवार को बड़ी संख्या में जिलाधिकारी से मिलेंगे।
इस दौरान तहसील अध्यक्ष श्रवण मौर्या, ब्लॉक उपाध्यक्ष राम लाल सहित सोनू सिंह, गजाधर दुबे, दिलीप, बबलू पांडेय, रिंकू पांडेय, मनीष, शशिभूषण चौबे, गंगाराम मौर्या, नितेश कुमार, आनंद, रामाश्रय, रामपूजन, महात्मा मौर्या, मूसे, नूरे यादव, नामवर यादव और घूरे यादव सहित बीस से अधिक गांवों के किसान मौजूद रहे।
रिपोर्ट – अलीम हाशमी









Users Today : 118
Users This Year : 11410
Total Users : 11411
Views Today : 163
Total views : 24283