18 दिसंबर 2025 को अन्तर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षा केन्द्र (आईयूसीटीई), वाराणसी में “द डिजिटल पेडागॉजी: एजुकेटर्स फॉर टुमॉरो (The Digital Pedagogy: Educators for Tomorrow)” विषय पर सात दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के चौथे दिन रविन्द्र जायसवाल, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्टाम्प एवं न्यायालय शुल्क तथा पंजीयन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार ने आईयूसीटीई का भ्रमण किया। इस अवसर पर उन्होंने कार्यक्रम में सहभागिता कर रहे प्रतिभागियों एवं संकाय सदस्यों से आत्मीय संवाद किया तथा कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ दीं।
आज के सत्र की शुरुआत डॉ. दीप्ति गुप्ता, सहायक आचार्य, आईयूसीटीई ने “टेक ऐज़ अ टीचिंग म्यूज़: अनलॉकिंग क्रिएटिविटी थ्रू डिजिटल टूल्स” विषय पर व्याख्यान दिया। अपने संबोधन में उन्होंने शिक्षण में डिजिटल टूल्स के रचनात्मक उपयोग पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि तकनीकी शिक्षकों को नवाचार और कल्पनाशीलता के नए अवसर प्रदान करती है। साथ ही, उन्होंने डिजिटल टूल्स के माध्यम से शिक्षण को अधिक आकर्षक और सहभागितापूर्ण बनाने पर बल दिया।

दूसरे सत्र में डॉ. राजा पाठक, सहायक आचार्य, आईयूसीटीई ने “द डिजिटल पैलेट: क्राफ्टिंग लर्निंग विद पर्पज़फुल टूल्स” विषय पर व्याख्यान देने के साथ ही हैंड्स-ऑन प्रैक्टिस भी कराया। अपने संबोधन में उन्होंने उद्देश्यपूर्ण डिजिटल टूल्स के चयन और उनके प्रभावी उपयोग की आवश्यकता को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि सही डिजिटल टूल्स शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को अधिक संरचित और प्रभावी बनाते हैं।
साथ ही, उन्होंने शिक्षकों को सीखने के लक्ष्यों के अनुरूप डिजिटल संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग का सुझाव दिया। तीसरे सत्र में डॉ. राजा पाठक ने “बियॉन्ड बटन्स एंड स्क्रीन्स:एम्पावरिंग टीचिंग थ्रू डिजिटल मास्टरी” विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने डिजिटल तकनीकी को केवल उपकरण तक सीमित न रखकर शिक्षण दक्षता से जोड़ने पर बल दिया। उन्होंने बताया कि डिजिटल महारत शिक्षकों को अधिक आत्मविश्वासी और प्रभावी बनाती है। साथ ही, उन्होंने शिक्षण में तकनीक के सार्थक और उद्देश्यपूर्ण प्रयोग का आह्वान किया।

चौथे सत्र में “द डिजिटल सिटिज़न” विषय पर प्रतिभागियों के लिए हैंड्स-ऑन गतिविधि आयोजित की गई। सत्र के दौरान प्रतिभागियों को मूक्स निर्माण की प्रक्रिया से व्यावहारिक रूप से परिचित कराया गया। प्रत्येक प्रतिभागी ने डिजिटल नागरिकता की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए पाँच मिनट का एक मूक्स वीडियो रिकॉर्ड किया। यह सत्र कौशल-आधारित रहा और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उत्तरदायी एवं प्रभावी शिक्षण सामग्री निर्माण को प्रोत्साहित करने में सहायक सिद्ध हुआ।
इस कार्यक्रम में श्रीलंका, बेलारूस, कम्बोडिया, इक्वाडोर, घाना, कजाकिस्तान, केन्या, मोरक्को, मोज़ाम्बिक, म्यांमार, नामीबिया, नेपाल, रूस, रवांडा, तंजानिया, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, वियतनाम, इथियोपिया, ताजिकिस्तान, ज़ाम्बिया, ज़िम्बाब्वे, कोट द’ईवोआर, और ट्रिनिडाड और टोबैगो 24 देशों के 40 शिक्षक प्रतिभाग कर रहे हैं।
कार्यक्रम के निदेशक प्रो. आशीष श्रीवास्तव, संकाय प्रमुख (शैक्षणिक एवं शोध), आईयूसीटीई हैं, जबकि इसका समन्वयन डॉ. राजा पाठक, सहायक आचार्य, आईयूसीटीई द्वारा किया जा रहा है। सह-समन्वयक के रूप में डॉ. दीप्ति गुप्ता, सहायक आचार्य, आईयूसीटीई और डॉ. सुनील कुमार त्रिपाठी, सहायक आचार्य, आईयूसीटीई अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। केंद्र के अन्य समस्त संकाय सदस्यों एवं कर्मचारियों ने भी इस अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की सफल आयोजन प्रक्रिया में सक्रिय योगदान कर रहे हैं।











Users Today : 85
Users This Year : 11269
Total Users : 11270
Views Today : 120
Total views : 24093