गोरखपुर नगर निगम ने 3500 सफाई कर्मियों का किया सत्यापन, नहीं मिला कोई रोहिंग्या

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नगर निगम ने कूड़ा बीनने वालों की जांच के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखा था। वहीं, नगर निगम के सफाई कर्मियों का सत्यापन पहले ही करवा लिया गया है। इसमें कोई भी रोहिंग्या नहीं मिला है।

शहर में सुरक्षा और निगरानी के मद्देनजर नगर निगम ने अपने सभी सफाई कर्मियों का सत्यापन पूरा कर लिया है। निगम प्रशासन के अनुसार, कुल 3500 सफाई कर्मियों की जांच की गई, जिनमें किसी भी रोहिंग्या या बांग्लादेशी के शामिल होने की पुष्टि नहीं हुई।
सत्यापन के बाद अब नगर निगम ने कूड़ा बीनने वालों की जांच कराने के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखा है। अधिकारियों का कहना है कि शहर में बड़ी संख्या में अनियमित रूप से कूड़ा बीनने वाले दिखते हैं, जिनमें कुछ की पहचान सत्यापित नहीं हो पाती। इसी कारण इनकी विस्तृत जांच आवश्यक मानी गई है, ताकि किसी भी तरह की सुरक्षा चूक की आशंका न रहे।

प्रशासन ने हाल ही में रोहिंग्या नागरिकों की संभावित मौजूदगी को लेकर शहर में खोज अभियान तेज कर दिया है। रोहिंग्या नागरिकों को रखने के लिए शाहपुर क्षेत्र में एक डिटेंशन सेंटर बनाया गया है, जहां सत्यापन के बाद पकड़े गए लोगों को रखा जाएगा।

बताया जा रहा है कि शहर के कई क्षेत्रों में पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीमों की ओर से बस्तियों में जांच अभियान चलाया जा रहा है। टीमें आधार, पहचान पत्र, परिवार की जानकारी और निवास की पुष्टि कर रही हैं।
नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने कहा कि यह अभियान पूरी तरह से एहतियाती है। निगम के सफाई कर्मियों का सत्यापन हो गया है। इसमें कोई भी रोहिंग्या नहीं मिला है। अब शहर में कूड़ा बीनने वालों की पहचान के लिए प्रशासन को पत्र लिखा गया है। सफाई व्यवस्था में लगे सभी कर्मियों की पहचान और पृष्ठभूमि का पूरा डाटा तैयार किया जा रहा है, जिसे नियमित रूप से अपडेट किया जाएगा।

 

 

 

रिपोर्ट – जगदीश शुक्ला

 

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