वाराणसी जिले में 1 अक्तूबर से 31 अक्तूबर तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जाएगा। इसको लेकर शनिवार को रायफल क्लब सभागार में जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार की अध्यक्षता में एक महत्त्वपूर्ण अंतर्विभागीय बैठक आयोजित हुई। डीएम ने साफ शब्दों में कहा कि इस अभियान में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषी अधिकारी–कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि बीते वर्षों के अनुभवों से यह साफ है कि जहां समन्वय और सतर्कता की कमी रही, वहां डेंगू और मलेरिया जैसे रोगों के मामले सामने आए। इसलिए इस बार हर गांव और हर वार्ड में नियमित फॉगिंग और एंटी-लार्वा छिड़काव अनिवार्य रूप से कराया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि जल जमाव की स्थिति मिलने पर संबंधित विभागीय अधिकारी की सीधी जवाबदेही तय होगी।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए गए कि सभी चिन्हित हॉटस्पॉट क्षेत्रों का सर्वेक्षण कराया जाए, विशेषकर खाली प्लॉट और जलभराव वाले स्थानों पर तत्काल कार्रवाई की जाए। साथ ही स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिया गया कि जल जमाव की जानकारी तुरंत जलकल विभाग तक पहुंचे, ताकि समस्या का निस्तारण तेजी से हो सके।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने जानकारी दी कि विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के साथ 1 से 31 अक्तूबर तक दस्तक अभियान भी संचालित होगा। इसके तहत स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर सर्वे करेंगे। बुखार, टीबी, कुष्ठ, फाइलेरिया, कालाजार, कुपोषण जैसे रोगों की पहचान होगी। साथ ही डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसे गैर-संचारी रोगों से पीड़ित मरीजों की सूची भी बनाई जाएगी, ताकि समय पर परामर्श और उपचार उपलब्ध कराया जा सके।
डीएम ने कहा कि केवल फॉगिंग और छिड़काव से समस्या खत्म नहीं होगी। जनजागरूकता भी उतनी ही जरूरी है। इसलिए स्कूलों, पंचायतों और शहरी बस्तियों में विशेष जागरूकता गतिविधियां चलेंगी। हॉटस्पॉट क्षेत्रों में स्क्रीनिंग कैंप लगाकर बुखार और अन्य लक्षण वाले मरीजों की तत्काल जांच की जाएगी।
बैठक में मौजूद विभिन्न विभागों के अधिकारियों को जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश दिए कि अभियान की प्रत्येक गतिविधि की नियमित मॉनिटरिंग और समय पर रिपोर्टिंग सुनिश्चित की जाए। उन्होंने दोहराया कि यह सिर्फ सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य और जीवन से जुड़ा महत्त्वपूर्ण प्रयास है। यदि सभी विभाग निष्ठा से काम करें तो डेंगू, मलेरिया और अन्य संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण संभव है।
बैठक में सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी, नोडल अधिकारी डॉ. अमित सिंह, एसीएमओ, डिप्टी सीएमओ, जिला पंचायती राज अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, जिला मलेरिया अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। साथ ही यूनिसेफ प्रतिनिधि, कृषि, जलकल, नगर विकास और पंचायती राज विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए।









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