स्वच्छता ही सेवा अभियान की सफलता को लेकर जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल के अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई जिसमें बताया गया कि “स्वच्छता ही सेवा” अभियान राष्ट्र की उस भावना को प्रदर्शित करता है जिसमें जन-जन की भागीदारी से स्वच्छ, स्वस्थ और सुंदर भारत की परिकल्पना को साकार किया जाता है। वर्ष 2025 में इस अभियान को और व्यापक रूप दिया गया है, ताकि समाज के हर वर्ग की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हो और स्वच्छता केवल एक कार्यक्रम न रहकर जीवन का अभिन्न हिस्सा बने।इस वर्ष के अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग की विशेष भूमिका है।
स्वास्थ्य विभाग के द्वारा प्रखंड स्तर पर सभी स्वच्छता कर्मियों के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया जाएगा। इन शिविरों में स्वच्छता कर्मियों की नियमित स्वास्थ्य जाँच, आवश्यक परामर्श, दवा वितरण तथा सुरक्षा के प्रति जागरूकता प्रदान की जाएगी। स्वच्छता कर्मी समाज की रीढ़ हैं और उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा ही अभियान की सफलता की गारंटी है।जिला स्तर पर “स्वच्छ उत्सव” का आयोजन जिलाधिकारी के नेतृत्व में किया जाएगा। इसमें माननीय मंत्रीगण, सांसद, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधि शामिल होकर स्वच्छता के महत्व को जन-जन तक पहुँचाएँगे।
इस उत्सव का उद्देश्य समाज में यह संदेश फैलाना है कि स्वच्छता किसी एक वर्ग की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सभी नागरिकों का दायित्व है।इसी क्रम में ICDS विभाग की ओर से सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। आंगनबाड़ी बच्चों के पोषण और शिक्षा का आधार स्थल हैं। यदि यह स्थान स्वच्छ और सुरक्षित रहेंगे तो बच्चों के स्वस्थ विकास में सहायक होंगे। यह पहल बाल विकास को नई दिशा देने का कार्य करेगी।जीविका समूह की दीदियाँ भी इस अभियान में महत्वपूर्ण योगदान देंगी। सभी जीविका समूह मिलकर अपने-अपने गांव को स्वच्छ और सुंदर बनाने की दिशा में कार्य करेंगे।
जब महिलाएँ आगे बढ़कर स्वच्छता की बागडोर संभालेंगी, तब समाज में स्वच्छता की संस्कृति गहराई से स्थापित होगी। यह प्रयास ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक भागीदारी का उत्तम उदाहरण प्रस्तुत करेगा।
पंचायती राज विभाग के द्वारा पंचायत सरकार भवनों की साफ-सफाई कर उन्हें आदर्श रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। पंचायत भवन यदि स्वच्छ और सुसज्जित रहेंगे तो यह आमजन को प्रेरणा देंगे कि वे भी अपने घर, आँगन और सार्वजनिक स्थल को स्वच्छ रखें। इसके अतिरिक्त नगर एवं आवास विभाग को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में लिगसी वेस्ट (पुराना जमा कचरा) की सफाई की जिम्मेदारी दी गई है। शहरों और कस्बों में वर्षों से जमा कचरा न केवल दृश्य प्रदूषण फैलाता है,
बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी घातक है। इसे साफ करने से न केवल स्वच्छ वातावरण मिलेगा बल्कि जल-जमाव और बीमारियों पर भी रोक लगेगी। अंततः, “स्वच्छता ही सेवा – 2025” अभियान केवल सफाई तक सीमित नहीं है। यह सामाजिक चेतना, स्वास्थ्य सुरक्षा, सामुदायिक भागीदारी और जनप्रतिनिधियों की सक्रियता का संगम है। जब हर विभाग, हर संस्था और हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझेगा तभी स्वच्छ भारत की परिकल्पना साकार होगी। इस अभियान के माध्यम से आने वाली पीढ़ियों को एक स्वस्थ, सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण देना ही हमारा वास्तविक उद्देश्य है।










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