कैण्ट स्टेशन के पार्सल कार्यालय से कूटरचना कर अचार के साथ शराब की बोतलें रखकर उसकी तस्करी करने के मामले में आरोपित को कोर्ट से राहत मिल गई। अपर जिला जज (पंचम) यजुवेंद्र विक्रम सिंह की अदालत ने फुलवरिया, मंडुआडीह निवासी आरोपित कृष्ण कुमार गुप्ता को एक-एक लाख रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव संदीप यादव व मुकेश सिंह ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी मुकदमा कृष्ण बिहारी मिश्रा ने जीआरपी कैंट थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी। आरोप था कि 04 सितंबर 2025 को पार्सल स्कैनर मशीन पर कार्यरत ऑपरेटर संजय कुमार मिश्रा की ड्यूटी थी। ड्यूटी के दौरान कृष्णा गुप्ता द्वारा 16 नग पार्सल बुकिंग के लिए लगभग 16.05 बजे लाया गया, जो वाराणसी से पटना जाना था। पार्सल स्कैनिंग मशीन के डिस्पले पर स्कैनिंग के समय कुछ बोतले दिखाई दी। जिसकी सूचना मिलने पर वादी ने पार्सल को पुनः पार्सल स्कैनिंग मशीन में स्कैन करके देखा गया तो डिस्पले पर बोतल दिखाई दिया। यह पार्सल शत्रुघ्न राय निवासी सोनपुर, सारण (बिहार) के नाम से बुक होकर पटना जा रहा था। पार्सल संदिग्ध होने पर इसकी सूचना मेरे द्वारा मुख्य पार्सल पर्यवेक्षक (सामान्य) बिनोद कुमार यादव व थाना आरपीएफ पुलिस, जीआरपी पुलिस एवं स्टेशन निदेशक को दी गयी।
जिसके बाद पहुंचे रेलवे पुलिस प्रभारी संदीप कुमार, सीआईबी इस्पेक्टर व स्टेशन निदेशक अर्पित गुप्ता मौके पर आ गए। सभी के समक्ष पार्सल को खोलकर देखा गया और चेक किया गया। छानबीन में प्रत्येक पैकेज में आचार के दो टीन के कंटेनर में लाखों रुपए के कीमत की हरियाणा की अंग्रेजी शराब कुल 288 बोतल बरामद हुई। जीआरपी थाना प्रभारी के अनुसार आचार के नाम से बुक इन पैकेटों बिहार की राजधानी पटना भेजने की तैयारी थी। वहीं बिहार में शराब बंदी और चुनाव की तैयारी के बीच भारी मात्रा में इस तरह से तस्करी का मामला प्रकाश में आने से सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए। जिसके बाद आनन-फानन में जीआरपी ने पार्सल बुक कराने आए आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया









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