वाराणसी
आजमगढ़ निवासी एक युवक अमित चौहान की ऑनलाइन गेमिंग की लत ने उसे इतना परेशान कर दिया कि उसने खुद के अपहरण की फर्जी कहानी गढ़ ली। अहमदाबाद से वाराणसी ट्रेन में घर लौटते समय रास्ते में उसने ऑनलाइन गेम में 50 हजार रुपये हार गए। हार का सदमा बर्दाश्त न कर पाने के कारण उसने परेशानी से बचने के लिए घरवालों को अपने अपहरण की झूठी सूचना दे दी और 50 हजार रुपये की फिरौती मांग ली।
परिजनों ने जब यह बात पुलिस को बताई तो वाराणसी पुलिस हरकत में आई और कुछ ही घंटों में युवक को सकुशल बरामद कर लिया।
घटना का विवरण देते हुए एसीपी चेतगंज डॉ ईशान सोनी (आईपीएस) ने बताया कि अमित चौहान अहमदाबाद से वाराणसी ट्रेन से आ रहा था। ट्रेन यात्रा के दौरान वह ऑनलाइन गेमिंग ऐप पर जुआ खेलने लगा। लालच में आकर उसने बड़ी रकम लगा दी, लेकिन किस्मत साथ नहीं दी और वह 50 हजार रुपये हार गया। पैसे हारने के बाद वह घबरा गया। उसे डर सताने लगा कि घर पहुंचकर परिजनों से कैसे मुंह दिखाएगा और हारे हुए पैसे का हिसाब कैसे देगा।
इसी डर से उसने एक खतरनाक प्लान बनाया। उसने घरवालों को फोन कर बताया कि उसका अपहरण हो गया है और अपहरणकर्ता उसे छोड़ने के लिए 50 हजार रुपये की फिरौती मांग रहे हैं।परिजनों को जैसे ही यह सूचना मिली, वे सदमे में आ गए। उन्होंने तुरंत पुलिस की मदद ली और एसीपी डॉ. ईशान सोनी को इसकी जानकारी दी।
एसीपी डॉ. ईशान सोनी ने मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।
सिगरा थाना प्रभारी संजय मिश्रा और रोडवेज चौकी प्रभारी कुमार गौरव सिंह की टीम ने जांच शुरू की। पुलिस ने तकनीकी जांच का सहारा लिया। युवक के बैंक स्टेटमेंट, कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) और मोबाइल लोकेशन का विश्लेषण किया गया।पुलिस की टीम ने पाया कि अपहरण की कहानी पूरी तरह फर्जी है। लोकेशन ट्रेस करने पर पता चला कि युवक वाराणसी शहर के आसपास ही है।
टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए भुल्लनपुर क्षेत्र के पास से अमित चौहान को सकुशल बरामद कर लिया। पूछताछ में युवक ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि ऑनलाइन गेमिंग की लत के कारण वह पैसे हार गया था और घरवालों से डरकर यह झूठी कहानी गढ़ी थी। उसका मकसद सिर्फ पैसे की व्यवस्था करना था ताकि हार का हिसाब पूरा कर सके।
एसीपी चेतगंज डॉ. ईशान सोनी ने बताया कि आजकल ऑनलाइन गेमिंग की लत युवाओं को अपराध की राह पर ले जा रही है। कई मामले सामने आ चुके हैं जहां युवक पैसे हारने के बाद आत्महत्या तक कर लेते हैं या फिर ऐसे फर्जी अपहरण की साजिश रचते हैं। इस मामले में पुलिस की सतर्कता से न केवल युवक को बचा लिया गया बल्कि परिजनों को भी बड़ी राहत मिली। पुलिस ने युवक को परिजनों के सुपुर्द कर दिया और उसे समझाइश दी कि ऐसी लत से बचें। साथ ही, परिवार को भी सलाह दी गई कि वे युवक पर नजर रखें और उसे काउंसलिंग करवाएं।
यह घटना एक बार फिर ऑनलाइन गेमिंग के खतरों को उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऑनलाइन जुआ और गेमिंग ऐप्स युवाओं को आसानी से अपनी चपेट में ले लेते हैं। शुरुआत में छोटी जीत से लालच बढ़ता है और फिर बड़ी रकम हारने पर व्यक्ति मानसिक तनाव में आ जाता है। ऐसे में कई युवक गलत रास्ते अपनाते हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे ऐप्स से दूर रहें और अगर कोई समस्या हो तो परिवार या पुलिस से मदद लें।
वाराणसी पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई की चारों तरफ सराहना हो रही है। सिगरा थाना प्रभारी संजय मिश्रा, रोडवेज चौकी प्रभारी कुमार गौरव सिंह, कांस्टेबल नीरज मौर्य, कांस्टेबल मृत्युंजय सिंह और उनकी टीम की मेहनत से महज कुछ घंटों में मामला सुलझ गया। रोडवेज चौकी प्रभारी कुमार गौरव सिंह और सर्विलांस सेल के अश्वनी सिंह ने भी लोकेशन ट्रेसिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पुलिस का कहना है कि तकनीकी जांच और सूचना तंत्र को मजबूत बनाने से ऐसे मामलों को जल्दी सुलझाया जा सकता है।यह मामला समाज के लिए एक सबक है कि ऑनलाइन गेमिंग की लत कितनी खतरनाक हो सकती है। अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें और उन्हें जागरूक करें। वहीं, युवाओं को समझना होगा कि आसान पैसा कमाने के चक्कर में जीवन बर्बाद हो सकता है।
अमित चौहान की इस गलती से वह तो बच गया, लेकिन कई अन्य युवक ऐसे जाल में फंसकर अपनी जान तक गंवा चुके हैं।












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