वाराणसी। शहर में बढ़ते यातायात दबाव को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन द्वारा यू-टर्न, वनवे और रूट डायवर्जन की व्यवस्था लागू की गई है, लेकिन इसके बावजूद नागरिकों को जाम से राहत नहीं मिल पा रही है। शाम होते ही प्रमुख चौराहों और मार्गों पर यातायात ठप हो जा रहा है। कज्जाकपुरा ओवरब्रिज के शुरू होने के बाद यह इलाका जाम का नया हॉटस्पॉट बनकर उभरा है, जहां रोजाना भीषण ट्रैफिक जाम लग रहा है।
कज्जाकपुरा ओवरब्रिज पर बीच में डिवाइडर लगाए जाने के बाद बड़े वाहनों की आवाजाही के दौरान स्थिति और बिगड़ गई है। कैंट से पीडीडीयू नगर जाने वाले बाहरी वाहन ओवरब्रिज का उपयोग करते हुए सारनाथ की ओर निकल जा रहे हैं। पर्याप्त साइनेज न होने और शहर के रूट की सही जानकारी के अभाव में बाहरी वाहन चालक भ्रमित हो जाते हैं, जिससे वे बार-बार गलत दिशा में मुड़कर जाम की स्थिति पैदा कर रहे हैं।
शहर में फिलहाल पांच स्थानों पर यू-टर्न की व्यवस्था लागू की गई है। इसके अलावा कई प्रमुख मार्गों को वनवे किया गया है, लेकिन इसका अपेक्षित असर दिखाई नहीं दे रहा है। कज्जाकपुरा ओवरब्रिज के चालू होने के बाद गोलगड्डा और कज्जाकपुरा मार्ग पर यातायात का दबाव अत्यधिक बढ़ गया है। छोटे वाहनों को तो अपेक्षाकृत कम परेशानी हो रही है, लेकिन जैसे ही बड़े वाहन इस मार्ग पर आते हैं, जाम की स्थिति बन जाती है। सुबह से देर शाम तक यह मार्ग प्रभावित रहता है।
यातायात डायवर्जन के चलते भोजूबीर, अर्दली बाजार, कचहरी, मैदागिन, लंका और भेलूपुर जैसे इलाकों में भी लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वरुणा पुल से कचहरी की ओर जाने पर अंबेडकर पार्क के पास डायवर्जन के कारण वाहनों को जेपी मेहता रोड से यू-टर्न लेकर कचहरी जाना पड़ रहा है, जिससे वाहनों की लंबी कतारें लग रही हैं। भोजूबीर तिराहे से यूपी कॉलेज की ओर जाने वाले मार्ग को वनवे कर दिया गया है और वहां टायर बस्टर भी लगाए गए हैं। यूपी कॉलेज या रिंग रोड जाने के लिए लोगों को सदर तहसील से यू-टर्न लेना पड़ रहा है।
मैदागिन क्षेत्र में बैरिकेडिंग और अस्थायी डिवाइडर के कारण हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है। दोपहिया वाहन चालकों के लिए भी यहां से गुजरना मुश्किल हो गया है। वहीं, मंडुवाडीह चौराहा चौड़ा किए जाने के बावजूद यू-टर्न की व्यवस्था पहले जैसी ही है। हालांकि दोपहिया वाहनों के लिए दूरी लगभग 50 मीटर कम की गई है, लेकिन बड़े वाहनों को अब भी परेशानी हो रही है।
राजघाट पुल पर मरम्मत कार्य और सामनेघाट पुल पर बढ़ते यातायात दबाव को देखते हुए 18 दिसंबर से बड़े वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है। अब इन वाहनों को मोहनसराय, अमरा अखरी और डाफी के रास्ते हाईवे से होकर जाना होगा। राजघाट पुल पर केवल पैदल राहगीरों और दोपहिया वाहनों को अनुमति दी गई है, जबकि ऑटो, ई-रिक्शा, कार और मालवाहक वाहनों पर रोक लगा दी गई है।
राजघाट और सामनेघाट पुल से स्कूली बसों की आवाजाही भी बंद कर दी गई है, जिससे करीब 5 हजार स्कूली बच्चे, कर्मचारी और अभिभावक प्रभावित होंगे। रोजाना राजघाट पुल से लगभग 10 हजार वाहन गुजरते हैं। अब मात्र एक से डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए वाहन चालकों को 15 से 20 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ रहा है, जिससे समय और ईंधन दोनों की खपत बढ़ गई है।











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