वाराणसी। कर्मचारी को अगवा कर जान से मारने का प्रयास करने और गाड़ी में रखे 25 हजार रुपए लूटने के मामले पूर्व सारनाथ थाना प्रभारी और उनके पुलिसकर्मियों को कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनीष कुमार की अदालत ने इस मामले में प्रार्थी की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया। अदालत में पुलिसकर्मियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, संदीप यादव व रोहित यादव ने पक्ष रखा।
प्रकरण के अनुसार अर्दली बाजार निवासी प्रार्थी शहबाज खान ने अदालत में बीएनएनएस की धारा 173(4) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था। आरोप था कि तत्कालीन थाना प्रभारी सारनाथ विवेक त्रिपाठी, एसआई प्रदीप कुमार, विपक्षी एस उदय शंकर राव व चार अज्ञात दरोगा, सिपाही 10 मई 2025 को अपराह्न 03:30 बजे विपक्षी एस उदय शंकर राव के प्रभाव व असर में आकर उसके माताजी के नाम से कार जो 1201, बुद्धा हाईट्स अपार्टमेन्ट, मवईया, सारनाथ के बगल रास्ते से प्रार्थी के घर काम करने वाला शाहिल जो प्रार्थी की बीमार माँ के लिए दवा लेने जा रहा था का अपहरण कर लिए और शाहिल के आँख पर काला पट्टी बाँधकर अज्ञात स्थान पर ले जाकर जान से मारने की नियत से बुरी तरह लात, मुक्का व डण्डा से मारने-पीटने लगे व शाहिल के गले में रस्सी लपेटकर जान से मारने का प्रयास किये।
इसके साथ ही गाड़ी के अन्दर जरूरी कागजात तथा पचीस हजार रूपया रखा था, उसे ले लिए एवं गाली-गुप्ता देते हुए इस बात की धमकी दिए कि शाहबाज खान कहा है, बता दो नहीं तो जान से मारकर फेंक देंगे। बाद में विपक्षीगण शाहिल को बुरी तरह मारपीट कर उसका मोबाईल फोन छीन लिये और उसको थाने में ले जाकर थाने में बैठा लिए व गाड़ी चार पहिया वाहन सीज कर चालान कर दिया। बाद में बड़े अथक प्रयास के बाद रात्रि 11:30 बजे शाहिल का फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनवाकर थाने द्वारा छोड़ा गया। विपक्षीगण के मारने-पीटने से शाहिल को कई जगह चोटें आयी व गर्दन में रस्सी के निशान भी पड़ गये एवं शाहिल की बुरी हालत हो गयी थी, किसी तरह उसकी जान बची। इस मामले में पुलिस से शिकायत करने के बाद जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो प्रार्थी ने अदालत की शरण ली।

रिपोर्ट विजयलक्ष्मी तिवारी











Users Today : 98
Users This Year : 11282
Total Users : 11283
Views Today : 134
Total views : 24107