शहाबगंज
शहाबगंज विकास खण्ड के अरारी ग्राम पंचायत में ऐसा नजारा देखने को मिला जिसे देखकर कोई भी हैरत में पड़ जाए।
ग्राम प्रधान, एडीओ पंचायत और सेक्रेटरी की मिलीभगत से सरकारी धन के दुरुपयोग का खेल खुलेआम चल रहा है।
ग्रामीणों के अनुसार पंचायत के अंतर्गत बने सामुदायिक शौचालय पर “केयर टेकर रविदास स्वयं सहायता समूह” के नाम से हर माह भुगतान (खारिज) किया जाता है, जबकि वास्तविकता यह है कि शौचालय कभी खुलता ही नहीं है।

वहाँ का आलम यह है कि शौचालय के खुले टैंक में बरसात का पानी या आसपास से भरा पानी जमा रहता है। हैरानी की बात यह है कि ग्रामीण उसी पानी का प्रयोग उपली (गोबर के उपले) पाथने में करते हैं।
जब ग्रामीणों से पूछा गया कि “आप लोग इतने गंदे पानी का प्रयोग क्यों कर रहे हैं?” तो ग्रामीणों ने सहज भाव में कहा —
गंदा पानी कैसा भइया, यहाँ शौचालय कभी खुला ही नहीं तो पानी गंदा कैसे होगा!
ग्रामीणों का आरोप है कि एडीओ पंचायत और पंचायत सेक्रेटरी द्वारा मिलकर फर्जी तरीके से हर माह भुगतान कर दिया जाता है, जबकि शौचालय वर्षों से बंद पड़ा है।
ग्रामीणों ने कहा कि “सरकारी धन की बंदरबांट कैसे करनी है, इसका पूरा ज्ञान शहाबगंज के एडीओ पंचायत को भलीभांति है।”
रिपोर्ट – मोहम्मद तस्लीम









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