मारपीट के 3 दिन बाद घायल का इलाज के दौरान मौत आरोपी की नहीं हुई गिरफ्तारी परिजनों ने किया बवाल।

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चंन्दौली बबुरी 

पुलिस की कार्यप्रणाली से आक्रोश आधा दर्जन मामले में पुलिस के हाथ खाली।। शनिवार कि शाम बबुरी के उतरौत भभुआर में एक बार फिर से तनाव का माहौल जो गया। जो पुलिस तीन दिन तक पीड़ितों तो टहला रही थी शनिवार के दिन खुद उनके आगे भीगी बिल्ली बन गयी। कारण यह कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन दो पट्टीदारों के बीच किसी बात को लेकर मारपीट हो गया।

जिसमें एक पक्ष के गुलाब कि हालत नाजुक हो गया पीड़ित थाने पर शिकायत करने गया। जहाँ स्वभाव के अनुसार पुलिस मारपीट कि धारा में चार के खिलाफ मुकदमा लिख कर कोरमपूर्ति कर दिया। उधर गुलाब कि हालत काफ़ी ख़राब था। उसे बीएचयू में भर्ती कराया गया। जहाँ शनिवार को दम तोड़ दिया।
इसकी जानकरी होने के बाद तीन दिन बाद एक बार फिर से माहौल तनाव पूर्ण हो गया। घटना कि जानकारी के बाद बबुरी कि पुलिस मौके पर पहुंच गयी।

जहाँ पुलिस के ब्यवहार के खिन्न परिवार पुलिस पर ही टूट पड़ा। स्थिति अकेले बबुरी पुलिस के बाहर हो गयी। जिसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को हुआ। इसके बाद शाहबगंज व चकिया कि अतिरिक्त फोर्स लगाया गया। सीओ कृष्णमुरारी शर्मा भी पहुंचकर प्रधान आदि के सहयोग से मामले को सुलझाते हुए ज़ब तक गिरफ्तारी नही होती तब तक पीड़ित के घर फोर्स तैनात रहेगा। सीओ के आश्वासन के बाद पीड़ित परिवार अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए।

बबुरी में एक सप्ताह से क़ानून ब्यवस्था बेपटरी हो गया है। लापरवाही का आलम यह है कि दरोगा स्तर के विवेचना को खुद अपर पुलिस अधीक्षक को करनी पड़ रही है। 40 दिन से गायब ब्यक्ति का सुराग अब तक नही लग पाया है। आये दिन बबुरी से नाखुश फरियादि पुलिस अधीक्षक के यहां पहुंच रहे है। स्थिति यह हो गयी एक दो मामले में तो खुद अपर पुलिस अधीक्षक को विवेचना करना पड़ गया है।

 

 

रिपोर्ट – अलीम हाशमी

 

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