वाराणसी न्यायालय परिसर में दरोगा पर हुए हमले के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। दरोगा की पत्नी ने पुलिस विभाग पर ही गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि दरोगा को न्यायालय के कमरे में अकेले बंद कर दिया गया और वह करीब 40 मिनट तक अपने आला अधिकारियों को फोन से मदद के लिए पुकारता रहा, लेकिन कोई भी अधिकारी मौके पर उसकी मदद के लिए नहीं आया।
पीड़ित दरोगा की पत्नी का आरोप है कि जिस विभाग में उनके पति सेवा कर रहे हैं, वही विभाग संकट की घड़ी में साथ नहीं आया। अब वह अपने पति के लिए न्याय की गुहार लगा रही हैं।इस पूरे प्रकरण ने पुलिस विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। न्यायालय परिसर जैसी संवेदनशील जगह पर सुरक्षा व्यवस्था और पुलिसकर्मियों की जिम्मेदारी पर भी अब सवालिया निशान लग गया है।











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