दिव्यांगता के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश सरकार के “रोल मॉडल अवॉर्ड” से हैं पुरस्कृत।

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चहनियां/चंदौली

जब व्यक्ति कुछ बड़ा करने के सपने जेहन में बना लेता है तो उसकी शारीरिक असमर्थता और आर्थिक विपन्नता उसके मार्ग की बाधक नहीं बनती। ये बातें राकेश यादव रौशन पर बिल्कुल सटीक बैठती है, जिन्होंने अपने कर्म और संघर्ष के बल पर समाज में एक मुकाम हासिल कर दूसरे दिव्यांगजनों के लिए प्रेरणाश्रोत बन गए हैं।

राकेश यादव रौशन का जन्म चंदौली जनपद के चहनियां ब्लॉक के मारुफपुर गांव में एक सामान्य किसान रामअवतार यादव के ज्येष्ठ पुत्र के हुआ था। पांच वर्ष की अवस्था में ही इन्हें पोलियो हो गया, जिससे इनका बायां हाथ और बायां पैर 70 प्रतिशत पोलियो ग्रस्त हो गया। लेकिन इन्होंने जिंदगी से पथरीले रास्तों से हार नहीं मानी और चट्टानों के बीच से रास्ता निकालकर यह साबित कर दिया कि दृढ़ इच्छा शक्ति वाले व्यक्ति के दोनों को पूरा करने में प्रकृति भी उसका साथ देती है।

राकेश रौशन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही प्राथमिक विद्यालय से प्राप्त कर राकेश उच्च शिक्षा के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। माता पिता के पास शिक्षा देने के लिए आर्थिक संसाधन नहीं होने पर राकेश ने सुबह शाम ट्यूशन पढ़ाकर अपनी शिक्षा पूरी की। बड़े संघर्ष और कठिन दौर से इन्होंने बीएचयू स्नातक और पत्रकारिता एवं जनसंचार में परास्नातक की डिग्री प्राप्त की। तत्पश्चात देश के अनेक प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया संस्थानों में कार्य किया और पत्रकारिता जगत के अनेक सम्मानों से सम्मानित किए गए।

इनके लिखे लेख देश के विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं।

राकेश रौशन ने अब पांच हजार से ज्यादा दिव्यागजनों को जीवन की मुख्य धारा से जोड़ा है। जिला प्रशासन चंदौली और अपनी संस्था रौशन फाउंडेशन के सहयोग से दिव्यांगों के लिए शारीरिक उपकरण जैसे – ट्राई साइकिल, मोटराइज्ड ट्राई साइकिल, कान की मशीन, बैसाखी, यूडीआईडी कार्ड, दिव्यांग प्रमाण पत्र, स्वरोजगार आदि में सहयोग कर चुके हैं।
वर्ष 2016 में भारत निर्वाचन आयोग ने इन्हें चंदौली जनपद में मतदाताओं को मतदान करने के लिए जागरूक करने हेतु अपना ब्रांड एंबेसडर (स्वीप आइकॉन) नामित किया।

राकेश रौशन के अथक प्रयासों से वर्ष 2017, 2019, 2022 और 2024 के लोकसभा और विधान सभा चुनावों में चंदौली जनपद में सामान्य और दिव्यांग मतदाताओं ने रिकॉर्ड मतदान किया, जिसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने इन्हें चार बार मुख्यमंत्री और राज्यपाल के हाथों लखनऊ में पुरस्कृत किया। दिव्यांगजनों के हित में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राकेश को दिव्यांगता के क्षेत्र में दिया जाने वाला उत्तर प्रदेश सरकार का सबसे बड़ा पुरस्कार “रोल मॉडल अवॉर्ड” प्रदान कर सम्मानित किया।

इसके अलावा राकेश रौशन को देश भर की सैकड़ों प्रमुख संस्थाएं भी सम्मानित कर चुकी हैं। संप्रति ऑल इंडिया रेडियो वाराणसी में उत्तर प्रदेश के इकलौते दिव्यांग एनाउंसर/कंपीयर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

 

 

रिपोर्ट – अलीम हाशमी

 

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