दिल्ली-
सुप्रीम कोर्ट ने पारिवारिक संपत्ति बंटवारे से जुड़े एक मामले में बड़ा फैसला सुनाया।
शीर्ष अदालत ने कहा कि बिना रजिस्ट्री वाला पारिवारिक समझौता बंटवारा साबित करने के लिए पूरी तरह मान्य होगा।
कोर्ट ने कहा कि अपंजीकृत पारिवारिक समझौता टाइटल स्थापित नहीं कर सकता, लेकिन साक्ष्य के रूप में मान्य होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि निचली अदालतों ने कानून का गलत व्याख्या की थी।
रिपोर्ट – रोशनी












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