भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी द्वारा जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा के अंतर्गत भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आज दिनांक 5 नवम्बर 2025 को मिर्जापुर जिले के चुनार ब्लॉक स्थित सुरभि शोध संस्थान, रामबाग में “जनजातीय कला (सिल्क एवं जीआई टैग)” विषय पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

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दिनांक 05 नवम्बर 2025 भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी द्वारा जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा के अंतर्गत भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में दिनांक 5 नवम्बर 2025 को मिर्जापुर जिले के चुनार ब्लॉक स्थित सुरभि शोध संस्थान, रामबाग में “जनजातीय कला (सिल्क एवं जीआई टैग)” विषय पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. सुदर्शन मौय एवं सह-संयोजक डॉ. विकास सिंह ने इस अवसर पर बताया कि भारत में अनेक जनजातीय समुदाय अपनी अनोखी कला और शिल्प परंपराओं को संरक्षित एवं प्रदर्शित करते हैं।

इन कलाओं को वैश्विक पहचान दिलाने हेतु सरकार द्वारा भौगोलिक संकेतक (Geographical Indication – GI Tag) की शुरुआत की गई है। जीआई टैग प्राप्त होने से जनजातीय कलाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलती है, जिससे इनकी संरक्षा, संवर्धन तथा आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलता है। साथ ही, इससे जनजातीय कलाकारों को अपनी कला को प्रदर्शित करने और आय अर्जित करने के अवसर भी प्राप्त होते हैं।

यह कार्यक्रम संस्थान के निदेशक डॉ. राजेश कुमार के मार्गदर्शन एवं नोडल अधिकारी एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. नीरज सिंह के निर्देशन में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सिलाई केंद्र, सुरभि शोध संस्थान, रामबाग, चुनार, मिर्जापुर की 25 से अधिक आदिवासी महिलाएँ सहभागी रहीं और प्रशिक्षण से लाभान्वित हुईं। कार्यक्रम में संस्थान के तकनीकी अधिकारी  अजय कुमार यादव भी उपस्थित रहे।

 

रिपोर्ट- विजयलक्ष्मी तिवारी

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