हेलमेट मैन ऑफ इंडिया राघवेंद्र कुमार “भारत तभी विकसित होगा, जब सड़कों पर रक्त के निशान मिटेंगे”

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वाराणसी, काशी हिंदू विश्वविद्यालय ‘हेलमेट मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से विख्यात श्राघवेंद्र कुमार ने गुरुवार को पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि “हर दिन देश में लगभग 1300 सड़क हादसे होते हैं, जिनमें करीब 500 लोग अपनी जान गंवा देते हैं। यह भारतीय सड़कों पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी और हेलमेट न पहनने की लापरवाही का परिणाम है, जो एक राष्ट्रीय क्षति है।”

उन्होंने कहा कि जब हम भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में संकल्प लेकर आगे बढ़ रहे हैं, तब सड़क दुर्घटनाएं एक “आपातकालीन चुनौती” बन चुकी हैं। भारत तभी एक मजबूत राष्ट्र बन सकता है, जब सड़कों पर खून के निशान मिटेंगे। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें और घर से निकलते समय हमेशा हेलमेट पहनना अनिवार्य समझें।

उन्होंने जानकारी दी कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में 4 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य करने का कानून पारित किया है। इस दिशा में माता-पिता को भी जागरूकता के साथ आगे आने की आवश्यकता है।

राघवेंद्र कुमार ने बताया कि अपने एक निकट मित्र की सड़क दुर्घटना में मृत्यु के बाद उन्होंने संकल्प लिया कि देश में हेलमेट जागरूकता का अभियान चलाएंगे। अब तक वे पूरे भारत में 75,000 से अधिक हेलमेट निःशुल्क वितरित कर चुके हैं और देशभर के विश्वविद्यालयों में जाकर युवाओं को हेलमेट पहनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

कार्यक्रम के आरंभ में विभाग के सह-आचार्य डॉ. बाला लखेन्द्र ने सड़क सुरक्षा के महत्व और विभिन्न जागरूकता अभियानों की जानकारी दी।सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. पंकज पति पाठक ने समाज में सड़क सुरक्षा को लेकर निरंतर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत शोध छात्रा सुश्री गीतांजलि ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन श्विवेक सिंह ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का समापन सड़क सुरक्षा नियमों के पालन और “हेलमेट लगाकर ही वाहन चलाने” के सामूहिक संकल्प के साथ हुआ।

 

रिपोर्ट विजयलक्ष्मी तिवारी

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