लखनऊ/बांदा
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की प्रदेश उपाध्यक्ष एवं बुंदेलखंड प्रभारी शालिनी सिंह पटेल ने सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर बांदा प्रशासन और स्थानीय सत्ता-प्रेमी माफियाओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह विडंबना है कि आज वही लोग सरदार पटेल के नाम पर समारोह और यात्रा निकाल रहे हैं, जिन्होंने उनके वंशजों को फर्जी मुकदमों और प्रशासनिक दमन के जरिए प्रताड़ित किया। शालिनी सिंह पटेल ने कहा, “बांदा में जो लोग सरदार पटेल के वंशजों पर फर्जी मुकदमे दर्ज करवा रहे हैं, झूठे आरोपों में जेल भिजवा रहे हैं, उन्हीं के हाथों में आज सरदार पटेल की तस्वीरें और पुष्पमालाएं देखना देश के लिए शर्मनाक है।

यह एकता दिवस नहीं, सत्ता के ढोंग और प्रशासनिक पाखंड का दिवस बन गया है।” उन्होंने आरोप लगाया कि बांदा जिले में कुछ अधिकारी वर्दी का दुरुपयोग करते हुए माफियाओं के इशारे पर कार्रवाई कर रहे हैं। प्रशासनिक पदों पर बैठे ऐसे लोग देश के लौहपुरुष सरदार पटेल की विरासत का अपमान कर रहे हैं, जिन्होंने अपने जीवन से यह सिखाया कि सत्ता जनता की सुरक्षा के लिए होती है, उत्पीड़न के लिए नहीं। शालिनी सिंह पटेल ने कहा, “जो अधिकारी सरदार पटेल के वंशजों पर फर्जी मुकदमे दर्ज करते हैं, उत्पीड़न करते हैं और सच्चाई को दबाते हैं, वे किस मुंह से राष्ट्रीय एकता दिवस मनाते हैं? क्या उनमें अब भी लज्जा बची है?” उन्होंने कहा कि बांदा में आज हालात इतने विकृत हो चुके हैं कि माफिया खुद को राष्ट्रभक्त और एकता के रक्षक के रूप में पेश कर रहे हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि यही लोग समाज में नफरत, भय और अन्याय का माहौल बना रहे हैं।
सरदार पटेल के वंशज अब इनके काले कारनामों को समझ चुके हैं और इस अन्याय के खिलाफ जनांदोलन की तैयारी कर रहे हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी — “सदर वाला माफिया अपने खून से रंगे हाथों से सरदार पटेल की प्रतिमा पर माला न चढ़ाए। अपने गंदे मुंह से सरदार पटेल का नाम मत ले। जो सरदार पटेल के वंशजों पर अत्याचार करेगा, वह खुद इतिहास में कलंक के रूप में याद किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि जदयू ऐसी शक्तियों के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगी जो सरदार पटेल की विचारधारा, ईमानदारी और एकता के मूल्यों को रौंद रही हैं। देश को यह तय करना होगा कि हम सरदार पटेल की नीतियों के साथ हैं या उनके नाम का इस्तेमाल करने वाले ढोंगियों के साथ।

शालिनी सिंह पटेल ने कहा कि आने वाले समय में इस मुद्दे को न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर उठाया जाएगा ताकि प्रशासनिक तंत्र और राजनीतिक तिकड़मों के पीछे छिपे अत्याचारों का चेहरा उजागर हो सके।











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