काशी विद्यापीठ के 47वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की बेटियों को नसीहत, बोलीं, “लिव-इन रिलेशन से दूर रहें, अच्छे निर्णय लें”

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वाराणसी   महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का 47वां दीक्षांत समारोह बुधवार को रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में संपन्न हुआ। कुलाधिपति एवं उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने समारोह की अध्यक्षता की और विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान कीं। इस अवसर पर उन्होंने समाज और युवा पीढ़ी को संबोधित करते हुए लिव-इन रिलेशन, महिलाओं की सुरक्षा और नैतिक मूल्यों पर विशेष रूप से बात की। राज्यपाल ने कहा कि “लिव-इन रिलेशन का चलन बढ़ रहा है, लेकिन यह बेटियों के लिए नुकसानदेह साबित हो रहा है। मैं बेटियों से कहना चाहती हूं, ऐसा निर्णय कभी मत लीजिए जो जीवन को बर्बाद कर दे। मैंने ऐसे कई उदाहरण देखे हैं, जहां महिलाएं शोषण की शिकार हुईं और लिव-इन पार्टनर उन्हें छोड़कर चले गए।”

राज्यपाल ने बताया कि हाल ही में उन्होंने 40 बेटियों से मुलाकात की थी, जिनमें से कई ने अपने परिजनों पिता, मामा, काका या पड़ोसी पर उत्पीड़न के आरोप लगाए। इन बेटियों ने साहस दिखाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और दोषियों को जेल भिजवाया। उन्होंने कहा कि “इन बच्चियों की हिम्मत देखकर मुझे गर्व हुआ, लेकिन यह भी पीड़ा हुई कि समाज में ऐसे हालात क्यों हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि एक हाईकोर्ट के जज ने उनसे पॉक्सो एक्ट से जुड़ी परेशानियों पर चर्चा की और नेपाल आदि देशों में रह रही बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। इस पर राज्यपाल ने सभी विश्वविद्यालयों को पत्र भेजकर ऐसे बच्चों की पहचान करने और मदद करने के निर्देश दिए।

समारोह के दौरान राज्यपाल ने शराब और ड्रग्स की समस्या पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “दो हॉस्टलों के बीच शराब की बोतलें और ड्रग्स के पैकेट मिलना अत्यंत गंभीर बात है। इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे।”दीक्षांत समारोह में कुल 101 विद्यार्थियों को 103 गोल्ड मेडल प्रदान किए गए। इस बार स्नातकोत्तर वर्ग में तीन ट्रांसजेंडर विद्यार्थियों को भी उपाधि दी गई। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पद्मश्री प्रोफेसर सरोज चूड़ामणि (AIIMS, नई दिल्ली) उपस्थित रहीं।

 

 

रिपोर्ट विजयलक्ष्मी तिवारी

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