वाराणसी महादेव की नगरी काशी में नवरात्र के नौवें दिन धार्मिक आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम दिखा। मंगलवार को मां सिद्धिदात्री के पूजन और दर्शन के लिए हजारों भक्तों का जनसैलाब मैदागिन स्थित प्राचीन मंदिर में उमड़ पड़ा। तड़के भोर से ही श्रद्धालुओं की कतारें मंदिर परिसर के बाहर तक लगी रही। देर रात तक दर्शन-पूजन का क्रम जारी रहा। भक्तों ने माता के दर्शन कर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगा।
नवरात्र के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री के दर्शन से साधक को नौ दिनों का पुण्यफल एक साथ प्राप्त होता है। इसी विश्वास और भक्ति के साथ शहर और आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में भक्तजन पहुंचे। मंदिर के मुख्य द्वार पर हर-हर महादेव और जय माता दी के गगनभेदी जयकारों से माहौल भक्तिमय हो उठा।
श्रद्धालुओं ने देवी को नारियल, चुनरी, लाल अड़हुल की माला और मिष्ठान अर्पित कर आशीर्वाद मांगा। कई भक्त अपने परिवार की सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करते दिखाई दिए। वहीं, युवाओं और छात्रों ने जीवन में सफलता और कार्य सिद्धि की कामना की। मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री को सच्चे मन से की गई अर्जी अवश्य सुनाई देती है और भक्त की मनोकामना पूर्ण होती है।
मंदिर समिति और प्रशासन ने दर्शन व्यवस्था को सुव्यवस्थित बनाए रखने के लिए विशेष प्रबंध किए। सुरक्षा बलों की तैनाती, बैरिकेडिंग और श्रद्धालुओं की कतारों को नियंत्रित करने के लिए अलग-अलग मार्ग बनाए गए। मंदिर के भीतर और बाहर भक्ति गीतों और मां के स्तुतिगान से वातावरण और अधिक पवित्र हो गया।
श्रद्धालुओं का कहना था कि नवरात्र के समापन पर मां के दर्शन से जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता आती है। मंदिर परिसर में दिन भर माता के जयकारे गूंजते रहे और भक्तों के चेहरे पर मां के आशीर्वाद की आभा झलकती रही। वाराणसी के इस अति प्राचीन सिद्धिदात्री मंदिर में भक्ति और आस्था का अनूठा उत्सव रहा, जो नवरात्र के समापन पर श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय अनुभव बन गया।।









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