वाराणसी लालबहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का तेज़ी से विस्तारीकरण कार्य चल रहा है। यहां प्रदेश का सबसे बड़ा टर्मिनल भवन बनाया जा रहा है, जिसकी कुल क्षमता 5 हजार यात्रियों की होगी। 75 हजार वर्गमीटर क्षेत्रफल में बन रहा यह भवन आधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस होगा।
नए टर्मिनल भवन का निर्माण कार्य अप्रैल 2024 में शुरू किया गया था। निर्धारित योजना के अनुसार इसे 36 माह की अवधि में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह तीन मंजिला भवन होगा, जिसमें भूतल पर आगमन हॉल, प्रथम तल पर प्रस्थान हॉल और तृतीय तल पर कार्यालय की व्यवस्था की जाएगी।
आधुनिक सुविधाओं से लैस टर्मिनल
भवन में यात्रियों की सुविधा के लिए 8 एयरेब्रिज, 72 चेक-इन काउंटर, आठ कन्वेयर बेल्ट और 14 सिक्योरिटी काउंटर बनाए जा रहे हैं। सिक्योरिटी होल्ड एरिया को विशेष रूप से काशी की संस्कृति से जोड़ा जाएगा। यहां वैदिक मंत्रों से सुसज्जित डिज़ाइन और स्थानीय कलाकृतियों की प्रदर्शनी देखने को मिलेगी। भवन की संरचना इस तरह तैयार की जा रही है कि अधिकतर हिस्सों में प्राकृतिक प्रकाश का उपयोग हो सके, जिससे ऊर्जा की खपत कम होगी और भवन पर्यावरण के अनुकूल रहेगा।
दोगुनी होगी यात्री क्षमता
वर्तमान में वाराणसी एयरपोर्ट की क्षमता प्रति वर्ष 30 से 35 लाख यात्रियों की है। निर्माणाधीन नए टर्मिनल भवन के तैयार हो जाने के बाद यह क्षमता दोगुनी होकर 60 लाख यात्रियों प्रति वर्ष हो जाएगी। अभी एयरपोर्ट से रोजाना 66 उड़ानों के जरिए लगभग 12 से 13 हजार यात्री सफर करते हैं।
पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा
एयरपोर्ट विस्तार के बाद काशी आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही, व्यापारिक और धार्मिक पर्यटन को भी नया आयाम मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी और मजबूत होगी तथा क्षेत्रीय आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
रिपोर्ट विजयलक्ष्मी तिवारी









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