मोतिहारी में घर से 90 लड़कों का रेस्क्यू;फेसबुक से नौकरी का ऑफर देकर फंसाती थी गैंग।

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मोतिहारी   पुलिस में नौकरी का सपना दिखाकर युवाओं से लाखों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। छतौनी थाना क्षेत्र के छोटा बरियारपुर गांव स्थित शंभु साह के मकान पर शनिवार सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक छापेमारी चली।8 घंटे की छापेमारी में पुलिस ने करीब 100 से ज्यादा युवाओं का रेस्क्यू किया। इसमें से 90 से अधिक ठगी के शिकार थे। वहीं, पुलिस ने मौके पर से 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि मास्टरमाइंड के नेटवर्क की तलाश जारी है।आरोपी फेसबुक मैसेंजर के जरिए युवाओं को लुभाते और ट्रेनिंग किट के नाम पर 25 हजार रुपए तक वसूलते थे। इन किट को बेचने के बाद नौकरी देने की बात कहते थे।इस घटना की पूरी जानकारी इन्हीं में से 5 युवाओं ने थाने में जाकर की थी। इसके बाद पुलिस को पूरी जानकारी मिली है।बरियारपुर गांव स्थित शंभु साह के मकान पर शनिवार सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक छापेमारी चली।

पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने बताया, ‘छतौनी थानाध्यक्ष सुनील कुमार को इसके बारे में गुप्त सूचना मिली थी कि शंभु साह के मकान में अवैध गतिविधि चल रही है। बिहार के अलावा अलग-अलग स्टेट के युवा नेटवर्किंग का काम यहां करते हैं, जो धोखाधड़ी का काम है।’इस पूरे ठगी का मास्टरमाइंड इम्यूल हक है, जो पहले भी रक्सौल वाले में साइबर ठगी कर चुका है। सदर डीएसपी दिलीप सिंह के नेतृत्व में टीम गठित कर कार्रवाई की गई।जानकारी के मुताबिक शंभु साह ने पैतृक जमीन को बेच कर घर बनाया था, फिर रेंट पर लगाया था। यह बिल्डिंग करीब सात आठ वर्ष पहले बनाया था। करीब तीन वर्ष पहले उसने इसे कंपनी को भाड़े पर दिया। पहले एक फ्लोर रेंट पर दिया गया था। बाद में उसने पूरी बिल्डिंग को भाड़े पर ले लिया।

जिसमें करीब सौ से अधिक लड़के रहते थे।पूलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने बताया, ‘शनिवार को हम लोगों को जानकारी मिली की एक गिरोह है, जो फेसबुक मैसेंजर के जरिए युवाओं को नौकरी का लालच देता है। फंसने के बाद उनसे ट्रेनिंग के नाम पर 25 हजार रुपए वसूले जाते थे। गैंग रहने और खाने के अलग से पैसे लेती थी। एक कमरे में करीब 5 लोगों को रखा जाता था।’बदले में उन्हें 12, 15 और 25 हजार रुपए का एक किट थमा दिया जाता था, जिसमें एक पैंट का कपड़ा,दो टाई, एनर्जी वाली गोली और कुछ सामान होता था।

इस गोली के बारे में बताया जाता था कि ये आपके स्वास्थ के लिए बहुत जरूरी और अच्छा है।हालांकि, इन सभी आइटम की असली कीमत हजार रुपए से ज्यादा की नहीं होती थी। युवाओं से कहा जाता था कि इसे बेचकर दिखाओ, तभी नौकरी पक्की होगी।सारे युवा गरीब घर से जरूर हैं, लेकिन पढ़े लिखे हैं। युवाओं को कपड़ों को देखकर समझ आ गया था कि ये महंगे कपड़े नहीं हैं, इसलिए ये सभी ठगी के बारे में जान गए थे। इनमें से जिन युवाओं के 25-25 हजार रुपए फंसे थे।

उन्होंने पुलिस को थाने पर जाकर शिकायत की थी।11 युवाओं को जो गिरफ्तार किया गया है, वो ठगी सीख चुके थे और दूसरों को ठगी का तरीका सिखाते थे। इनसे पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा 90 लोगों का जो रेस्क्यू किया गया है, उन्हें अपने-अपने घरों पर भेज दिया जाएगा। उन्हें ये भी समझा दिया जाएगा कि इस तरह से ठगी का शिकार न बने। इन बातों पर ध्यान न दें।पुलिस उपाधीक्षक दिलीप सिंह ने बताया, ‘इन ग्रुप में से 5 पीड़ितों ने ही हमें इस घटना की पूरी जानकारी दी थी।

उसके आधार पर पूरी जांच करने के बाद आज छापा मारकर युवाओं का रेस्क्यू किया गया है। ओटामिक्स कंपनी के नाम पर इनसे ठगी की जा रही थी।छापेमारी के दौरान एक लिस्ट पुलिस को मिली जिसमें ठगी का शिकार बना रहे लोगों का नंबर लिखा था। उनसे क्या रिलेशन है वो लिखा था। इसके अलावा उन्हें क्या-क्या कहना है वो भी लिखा था। करोड़पति बनने का लालच दिलाया जाता था।रेस्क्यू किए गए एक युवक ने बताया ‘मैं 5 सितंबर को यहां पर आया था। मुझे अभी 7 दिन हुए हैं यहां पर रहे हुए। मुझे फैक्ट्री में काम दिलाने के नाम पर मेन्युप्लेट किया गया।

 

जब मैं यहां पर आया तो मुझे एक-दो व्यक्ति कुछ-कुछ सीखने लगे। कैसे लोगों से बात करना है। क्या-क्या करना है।मैं 6 दिनों में समझ गया कि मुझे ये सारे काम नहीं करने हैं। मैं खुद ठगी का शिकार हो गया था। लेकिन मुझे दूसरे को नहीं फंसाना था। मुझसे नौकरी के नाम पर 25,600 रुपए लिए गए थे।कुछ युवा यहां पर कोलकाता से आए थे। कंपनी में नौकरी दिलाने का वादा कर पहले ट्रेनिंग के नाम पर पैसे लिए गए, फिर घटिया किट थमाकर बाहर निकलने से रोक दिया गया।छापेमारी के लिए करीब 20 से अधिक पुलिस की टीम मौके पर पहुंची थी। छापेमारी के लिए करीब 20 से अधिक पुलिस की टीम मौके पर पहुंची थी।

पहले भी सामने आ चुका है ऐसा रैकेट।पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ‘इससे पहले रक्सौल में भी इसी तरह का रैकेट पकड़ा गया था। उस समय 300 से अधिक युवाओं को बचाया गया था। ठगी के उस मामले का मास्टरमाइंड अब भी फरार है।पूलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है। पुलिस ने युवाओं को सचेत रहने और संदिग्ध नौकरी प्रस्तावों से बचने की अपील की है।

 

 

रिपोर्ट शशिकांत सिंह

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