इसकी जानकारी कमेटी के गद्दे नशीन (सदर-महंत) अशरफ जमाल उर्फ (राजू टाइगर) और खुर्शीद अकरम उर्फ (पाले बाबा) ने संयुक्त रूप से दी।उन्होंने कहा कि शहीद बाबा का उर्स बहुत शानदार तरीके से हर साल मनाया जाता है। इसी तरह इस साल भी 9 दिसम्बर 2025 दिन मंगलवार को मनाया जा रहा है। साथ ही उर्स मे हमेशा की तरह मेले का भी आयोजन होगा और जायरीनों को शीरनी के तौर पर काबली बांटी जाएगी।
गद्दी नशीन (महंत) अशरफ जमाल राजू टाईगर और खुर्शीद अकरम (पाले बाबा) ने कहा कि 9 दिसम्बर दिन मंगलवार को बाद नमाज़ फजर कुरआन खानी, बाद नमाज़ जोहार (2 बजे) चादर- गागर, ग़ुस्लशरीफ़ व लंगर, बाद नमाज़ इशा 8 बजे शाही महफ़िल (कव्वाली) का प्रोग्राम होगा। जो अख़्तर आजाद कौव्वाल अलीनगर, मुग़लसराय पेश करेंगे।
गद्दे नशीन अशरफ जमाल राजू टाईगर और खुर्शीद अकरम (पाले बाबा) ने बताया कि मजार की रखवाली देखभाल इसके पहलें हमारे पूर्वज करते थे, अब हमलोग करते हैं। उन्होंने कहा कि यहां रोजगार करने के लिए लोग आते हैं उनको नमाज (इबादत) करने की कोई व्यवस्था नहीं थी तो बाबा की दरगाह पर मस्जिद का निर्माण कमेटी व जन सहयोग से कराया गया।
जिसमें रोजाना पांच वक्तों की नमाज़ अदा की जाती है। अफ़रोज़ अहमद और हमीद शाह ने तमाम बिरादराने इस्लाम व अकीदतमंद हज़रात से पुरखुलूस गुज़ारिश करते हुए कहा कि 9 दिसम्बर को शहीद बाबा की मजार पर हाजरी पेश कर फैज हासिल करें। (आशिर्वाद प्राप्त करे।)

रिपोर्ट विजयलक्ष्मी तिवारी











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