वाराणसी। कफ सिरफ प्रकरण को लेकर लगातार पुलिस और नारकोटिक्स विभाग की कार्रवाई से मचे हड़कंप के बीच करीब 10 दवा व्यापारियों ने कोर्ट की शरण ले ली है। दवा व्यापारियों पर लगातार बढ़ती दबिश और झूठे आरोपों को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने रविवार को भेलूपुर स्थित अपने चेंबर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बताया कि उन्होंने 10 दवा व्यापारियों की ओर से वाराणसी के न्यायालय में एक आवेदन पत्र दाखिल किया है, जिसमें न्यायालय से अफवाहों और पुलिस की अंधाधुंध तलाश पर रोक लगाने की गुहार की गई है।
त्रिपाठी ने कहा कि “तारीख में बनारस और काशी को बदनाम किया जा रहा है। हमारे व्यापारियों ने केवल उचित प्रपत्र और कानूनी माध्यम से कफ सिरप खरीदा और उसका भुगतान ऑनलाइन किया। इसके बावजूद उन्हें लगातार परेशान किया जा रहा है।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाए गए मुख्य बिंदु:
व्यापारियों ने उचित माध्यम और प्रमाण के साथ कफ सिरप खरीदा है, जिसे न तो प्रतिबंधित किया गया है और न ही नारकोटिक्स के दायरे में रखा गया। पूरी दवा ट्रांसपोर्ट के माध्यम से आई और सभी स्टॉक का भुगतान ऑनलाइन किया गया। बावजूद इसके पुलिस द्वारा व्यापारियों की रात भर तलाश और दबिश जारी है।
कोर्ट में दाखिल आवेदन में प्रमुख अनुरोध
1. प्रार्थीगण/अभियुक्तगण पर लगाए गए झूठे और मनगढ़ंत आरोपों को हटाया जाए।
2. व्यापारियों पर लगाई जा रही अंधाधुंध पुलिस तलाश और दबिश को रोका जाए।
3. संबंधित मुकदमे में आरोपों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी जाए और व्यापारियों को न्याय संगत अभिरक्षा उपलब्ध कराई जाए।
त्रिपाठी ने आगे कहा कि “काशी के व्यापारियों ने कानून और उचित प्रपत्र का पालन करते हुए व्यापार किया है। उनके खिलाफ अफवाहें फैलाना और दबाव बनाना उचित नहीं। भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन से अनुरोध है कि व्यापारियों को न्याय और सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए।”
वाराणसी कोर्ट में इस मामले की सुनवाई सोमवार को होगी, जिसमें न्यायालय व्यापारियों की सुरक्षा और अफवाहों पर लगाम लगाने पर निर्णय करेगा।












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