निजीकरण के विरोध में लगातार चल रहे आंदोलन के आज 371वें दिन भी बनारस के बिजली कर्मियों ने समस्त जनपदों की भांति ही व्यापक विरोध प्रदर्शन किया

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वाराणासी-  03दिसम्बर2025। निजीकरण के विरोध में लगातार चल रहे आंदोलन के आज 371वें दिन भी बनारस के बिजली कर्मियों ने समस्त जनपदों की भांति ही व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। मीडिया सचिव अंकुर पाण्डेय ने बताया कि जहाँ एक ओर लगातार बिजली के निजीकरण के विरुद्ध प्रदेशव्यापी आन्दोलन जारी है वही दूसरी ओर मनमाने ढंग से कारपोरेशन आदेशो के विपरीत नगरीय विधुत वितरण मंडल-द्वितीय वाराणासी सहित पूर्वांचल के 8 मंडलो में एक हजार के आस-पास संविदाकर्मियों की छटनी टेंडर कम कर करने का प्रयास प्रबन्धन द्वारा किया जा रहा है ।

वाराणासी मंडल में संघर्ष समिति वाराणासी द्वारा संविदाकर्मियों के छटनी के विरुद्ध 48घण्टे का समय आन्दोलन करने हेतु द्विय गया था किंतु आज अधिक्षण अभियंता ई0 सचिन कुमार द्वारा संघर्ष समिति द्वारा संविदाकर्मियों के जीविका की रक्षा हेतु दिये गये नोटिस पर सहानुभूति पूर्वक विचार किये जाने एवं उच्चधिकारियों से चर्चा कर जल्द से जल्द हल निकालने का आश्वासन देते हुये कल से उनके कार्यालय पर होने वाले सत्याग्रह आंदोलन को स्थगित करने की अपील की गयी जिसपर संघर्ष समिति ने आपसी सहमति से अपना कल का सत्याग्रह आंदोलन स्थगित करने का निर्णय लिया गया।

वक्ताओ ने सभा को संबोधित करते हुये आज बताया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में एक साल से अधिक से चल रहे आंदोलन को और तेज करने हेतु आगामी 07 दिसंबर को लखनऊ में एक बड़ी मीटिंग हो रही है। इस मीटिंग में आंदोलन के कार्यक्रमों की घोषणा की जायेगी जिसमे संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने भी बिजली के निजीकरण, इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2025 और प्रीपेड मीटर के विरोध में संघर्ष का मोर्चा खोल दिया है।

किसान मजदूर मोर्चा के आह्वान पर 05 दिसंबर को और संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 08 दिसंबर को बड़े आंदोलन का ऐलान किया गया है। संयुक्त संघर्ष समिति, पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं के संघर्ष समिति के संयोजकों और सह संयोजकों की मीटिंग 07 दिसम्बर को लखनऊ में हो रही है।उन्होंने बताया कि इस मीटिंग में संघर्ष समिति के सभी घटक श्रम संघों और सेवा संगठनों के शीर्ष केन्द्रीय पदाधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।

संघर्ष समिति ने बताया कि 07 दिसम्बर की मीटिंग में एक साल से अधिक से चल रहे संघर्ष की समीक्षा की जायेगी तथा निजीकरण निरस्त कराने हेतु एवं आंदोलन के फलस्वरूप प्रबंधन द्वारा बिजली कर्मियों पर की गई समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों को समाप्त कराने हेतु रणनीति तय की जायेगी। संघर्ष समिति ने बताया कि विगत एक वर्ष में प्रबंधन ने आंदोलन के फलस्वरूप बिजली कर्मियों पर लगातार उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां की है और प्रबंधन ने ऊर्जा निगमों में अघोषित आपातकाल लागू कर रखा है।

मुख्यतया अत्यंत अल्प वेतन भोगी 25 हजार से ज्यादा संविदा कर्मियों को नौकरी से निकल गया है, हजारों की संख्या में बिजली कर्मियों को दूरस्थ स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है, फेशियल अटेंडेंस के नाम पर महीनों तक वेतन रोका गया है, संघर्ष समिति के पदाधिकारियों पर फर्जी एफ आई आर दर्ज की गई है, बिजली कर्मियों और पेंशनरों के घरों पर जबरदस्ती प्रीपेड मीटर लगाकर एक्ट के तहत मिल रही रियायती बिजली की सुविधा समाप्त करने की कुचेष्टा की जा रही है, रिस्ट्रक्चरिंग कर हजारों की संख्या में पदों को समाप्त किया जा रहा है,आदि आदि।

संघर्ष समिति ने कहा कि 07 दिसंबर की मीटिंग में इन तमाम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा कर संघर्ष के अगले कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की जाएगी। सभा को सर्वश्री ई0 नवदीप सैनी,अंकुर पाण्डेय,राजेश सिंह,मनोज जैसवाल, हेमन्त श्रीवास्तव, अभिषेक सिंह,आशुतोष शुक्ला,चन्द्रशेखर सिंह,अनिल कुमार, कृष्णा सिंह,सहित अन्य पदाधिकारियो ने संबोधित किया।

रिपोर्ट विजयलक्ष्मी तिवारी

 

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