42 भारतीय उमराह तीर्थयात्रियों के मारे जाने की आशंका दिल्ली।

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मक्का से मदीना जा रही एक यात्री बस सोमवार (17 नवंबर, 2025) को एक डीजल टैंकर से टकरा गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि 42 भारतीय उमराह तीर्थयात्रियों के मारे जाने की आशंका है। शुरुआती जानकारी के अनुसार, यह दुर्घटना मुफ़रीहाट में हुई।बस में सवार सभी यात्री हैदराबाद से उमराह के लिए जा रहे थे। यात्रियों में पुरुष, महिलाएँ और बच्चे शामिल थे। जब भी मुसलमान उमराह के लिए सऊदी अरब जाते हैं, तो सरकार उनका बीमा करती है। इसलिए, यह जानना ज़रूरी है कि मृत्यु की स्थिति में उनके परिवारों को कितनी राशि मिलेगी।

दुर्घटना में एक परिवार को कितनी राशि मिलेगी?

सऊदी अरब में उमराह तीर्थयात्रियों के लिए एक बीमा प्रणाली है, लेकिन बहुत कम लोग इसके बारे में जानते हैं। हालाँकि, जब किसी तीर्थयात्री के साथ कोई गंभीर दुर्घटना होती है, तो यह बीमा उनके परिवारों के लिए बहुत बड़ी राहत हो सकता है। बीमा राशि कितनी प्रदान की जाती है? किन परिस्थितियों में? और क्या भारत सरकार भी कोई सहायता प्रदान करती है? आइए जानें।

वीज़ा के साथ बीमा शामिल है

सऊदी अरब उमराह वीज़ा प्राप्त करने वाले प्रत्येक तीर्थयात्री को अनिवार्य बीमा प्रदान करता है। इस बीमा को अलग से खरीदने की आवश्यकता नहीं है; यह वीज़ा के साथ स्वतः ही शामिल हो जाता है। सऊदी सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मक्का और मदीना आने वाले किसी भी व्यक्ति को चिकित्सा उपचार, दुर्घटना या अन्य अप्रत्याशित घटनाओं की स्थिति में तत्काल और पूर्ण सुरक्षा मिले।

बीमा की राशि कितनी है?

यह बीमा सऊदी अरब पहुँचने पर सक्रिय हो जाता है और पूरे 30 दिनों के लिए वैध होता है। इस अवधि के दौरान, यदि किसी व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है, COVID-19 जैसी आपात स्थिति का सामना करना पड़ता है, या कोई दुर्घटना होती है, तो इस बीमा के अंतर्गत सभी खर्च कवर किए जाते हैं। अधिकतम कवरेज 100,000 सऊदी रियाल (लगभग 22 लाख रुपये) तक है। यह व्यापक कवरेज यह सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है कि किसी भी तीर्थयात्री को आर्थिक कठिनाई का सामना न करना पड़े।

मृत्यु के बाद परिवार को कितना मिलता है?

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि तीर्थयात्री की सऊदी अरब में मृत्यु हो जाती है, तो यह बीमा पॉलिसी उनके परिवार को 100,000 सऊदी रियाल का भुगतान करती है। सऊदी कानून के अनुसार, हज-उमरा के दौरान मरने वाले व्यक्ति का अंतिम संस्कार आमतौर पर वहीं किया जाता है, लेकिन बीमा की पूरी राशि परिवार को दी जाती है। यह राशि सीधे तवुनिया जैसी बीमा कंपनियों के माध्यम से वितरित की जाती है।

भारत सरकार भी सहायता प्रदान करती है

भारत सरकार भी भारतीय नागरिकों को सहायता प्रदान करती है। विदेशी श्रमिकों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के तहत, विदेश में काम करने वाले या यात्रा करने वाले किसी भारतीय की मृत्यु की स्थिति में ₹10 लाख तक का बीमा कवर प्रदान किया जाता है। इस योजना में मृतक के पार्थिव शरीर को भारत वापस लाने का खर्च भी शामिल है, जो कई परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय राहत साबित होता है।

 

रिपोर्ट विजयलक्ष्मी तिवारी

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