राम प्यारे पनिका सोनभद्र जिले के जन्मदाता एवं मिर्जापुर सोनभद्र के विकास पुरुष के साथ जननेता रहे

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मिर्जापुर सोनभद्र 24 अक्टूबर कांग्रेस की प्रचंड तीन तिहाई बहुमत की सरकार 1985 से 4 दिसंबर 1989 तक लोकसभा में संसदीय सचिव (दर्जा प्राप्त केन्द्रीय राज्यमंत्री) एवं 1980=85 दो बार लोकसभा 53 रावर्टसगज मिर्जापुर सुरक्षित क्षेत्र से सांसद,1962 में पहली बार आरक्षित दुद्धी विधानसभा क्षेत्र से विधायक, कांग्रेस एस टी डिपार्टमेंट के बड़े राजनीतिक चेहरा पी ए संगमा, अरविंद नेताम, पी एम सईद, गौड़ राजा साहब नरसिंहपुर राव वीरेंद्र बहादुर सिंह, आदि बड़े आदिवासी चेहरे उनके सानिध्य में उनके समर्थक रहे

इसी चलते उस समय प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी ने सबसे बड़ी बहुमत की लोकसभा का संसदीय सचिव बनाया था। उनके योग्यता एवं आदिवासियों में ऊंची पकड़ के चलते 1993 में प्रधानमंत्री रहे पीवी नरसिंह राव ने उन्हें उत्तर मध्य रेलवे भर्ती बोर्ड प्रयागराज/नयी दिल्ली का चेयरमैन बनाया था उस समय रेलवे मंत्री सी के जाफर शरीफ रहे। वे कांग्रेस एस टी डिपार्टमेंट में चेयरमैन भी थे। 1982 से आजीवन एआईसीसी सदस्य भी रहे। उनकी आवाज सदैव आदिवासियों एवं दलितों की आवाज हुआ करती थी।1989 में वह महज 14 हजार वोट से जनता दल प्रत्याशी राम निहोर राय से चुनाव हमारे थे। सोनभद्र की प्रथम जिला पंचायत अध्यक्ष उनकी धर्मपत्नी  बसंती पनिका कांग्रेस टिकट पर जीती थी।

सबसे गौरतलब बात यह है कि वह 1970 से 1982 तक जिला कांग्रेस कमेटी महामंत्री हुआ करते थे और सांसद भी थे। पहले बाबू रामाधार सिंह दूसरे ओंकार नाथ उपाध्याय की अध्यक्षता में जिला महामंत्री रहे हैं। बनवासी सेवा आश्रम में भी सेवाएं किया था। उसके बाद उन्होंने बी एक एल एल बी करके दुद्धी तहसील में वकालत शुरू किया उसी दौरान दुद्धी विधायक रहे ब्रज भूषण मिश्र ग्रामवासी की अनुशंसा पर 1957 में जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष रहे शिवमूर्ति दूबे ने दुद्धी ब्लाक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष बनाया और वह सक्रिय राजनीति में कूदे अचानक 1962 में दुद्धी विधानसभा क्षेत्र आरक्षित होने पर ग्रामवासी  के सानिध्य एवं स्व दूबे  की अध्यक्षता में वह कांग्रेस प्रत्याशी बनाए गए और प्रचंड बहुमत से चुनाव जीते। स्व पनिका की जुबानी यह बातें उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी पं शिवमूर्ति दूबे जयंती पर 1995 में मौजूद विशेष अतिथि आईएएस रहे जगदीश नारायण मिश्र एवं अध्यक्षता कर रहे सांसद राज्यसभा डा रत्नाकर पाण्डेय की मौजूदगी में व्याख्या किया।

उस दौरान युवा तुर्क नेता राजेश द्विवेदी एवं रमई प्रसाद यादव पनिका जी के खास सिपहसालार रहे। उसी मंच पर आई ए एस रहे जे एन मिश्र ने स्व दूबे की व्याख्या करने के बाद बताया कि जब पनिका जी विधायक रहे संयोग से हमारी पहली पोस्टिंग दुद्धी एस डी एम पर रहे हम और वह दोनों इलाहाबाद विश्वविद्यालय में क्लासमेड भी थे और साथ साथ वह विधायक और हम एस डी एम रहे यह एक संयोग था।

स्व श्री पनिका शुरुआत में चंद्र भानु गुप्ता बाद में पं कमलापति त्रिपाठी के अनुयाई रहे, लोकसभा टिकट 1980 में उन्हें कांग्रेस कद्दावर नेता लोकपति त्रिपाठी की अनुशंसा में कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष एवं रेलवे मंत्री रहे पंडित कमलापति त्रिपाठी के कोटे मे टिकट दिया गया और वह सांसद बने दोनों बार उनके ही कृपा पर टिकट दिया गया लेकिन उनके उनसे अनबन की शुरुआत तब हुई जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने की प्रवल दावेदारी लोकपति त्रिपाठी ने किया तब उस जमाने में राहुल गांधी मंत्रालय में गृह राज्यमंत्री (आंतरिक सुरक्षा) अरूण नेहरू थे लोकपति त्रिपाठी उन्हें सलामी नहीं बोलते थे उन्हें यह बात नागवार लगती थी क्योंकि वह सीधे राजीव गांधी से मिलते थे,जिसका नेहरू को अच्छा नहीं लगता था,

विधायको की मीटिंग में 78 विधायक त्रिपाठी के समर्थन में थे शेष विधायक राजीव गांधी को अधिकार दिया था उधर राजीव गांधी को अधिकार देने वालो का नेतृत्व वीर बहादुर सिंह कर रहे थे मामला कमलापति त्रिपाठी से जुड़ा था इसलिए राजीव गांधी असमंजस में पड़े थे उसी बीच अरूण नेहरू ने एक सुझाव दिया कि अब यूपी के सांसदों की रायसुमारी करने के बाद अंतिम निर्णय लिया जाए, तब तक सभी सांसदों से जोड़ तोड़ की राजनीति अरूण नेहरू ने शुरू किया उसी दौरान मिर्जापुर के दोनों सांसदों क्रमशः राम प्यारे पनिका एवं उमा कांत मिश्र ने भी वीर बहादुर सिंह का समर्थन किया जिसकी खबर कमलापति त्रिपाठी को लगी वह आवाक हो गये।

और उसी वीर बहादुर सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया वह मंत्री बनने के लिए इंकार किया बाद में कमलापति त्रिपाठी अध्यक्ष रहे बलराम सिंह यादव शील कौल लोकपति त्रिपाठी की मीटिंग में राजीव गांधी के सुझाव पर वह दूसरी लिस्ट में कैबिनेट मंत्री बनाए गए तब शपथ ग्रहण किया। उसके बाद पनिका जी से त्रिपाठी परिवार की अनबन हुई अंततः 36 के आंकड़े रहे।

स्व श्री पनिका जी के प्रवल प्रयास से मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने जिले का सृजन किया और सोनभद्र की एकक्षत्र कांग्रेस की आजीवन राजनीति किया लेकिन लोकपति त्रिपाठी ने अपने विरोध का बदला 1999 में चुकता किया जब स्व श्री पनिका का विरोध करके उन्होंने रावर्टसगज सुरक्षित से नौजवान तेज तर्रार नेता सुधाकर चमार को टिकट दिला दिया और कांग्रेस हाईकमान ने तत्काल प्रभाव से राम प्यारे पनिका को इण्टक का अध्यक्ष बनाया उनके नेतृत्व में रमई यादव शशि भूषण दूबे कंचनीय इण्टक की राजनीति शुरू किया। उसके बाद 1999 में ही उनकी एवं इण्टक नेता रमई यादव की तत्काल मौके पर मौत हो गई जबकि राजेश द्विवेदी बाल बाल बच गए।

 स्व पनिका के पूण्यतिथि पर जिला कांग्रेस कमेटी मिर्जापुर की ओर उन्हें याद किया गया और श्रद्धांजलि दिया गया है।

जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष डॉ शिव कुमार सिंह पटेल ने कहा कि स्व पनिका मिर्जापुर सोनभद्र जिले के दलितों पीड़ितों एवं शोषितों के हिमायती रहे और उनकी क्षवि देश स्तर जग जाहिर थी, ऐसे नेता के रिक्तता से सोनभद्र में कांग्रेस की अपूरणीय क्षति हुई है।
शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष राजन पाठक ने कहा कि स्व पनिका जी कांग्रेस ही नहीं जन जन के दिलों में वास करते थे। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य एवं दो बार रावर्टसगज सुरक्षित के कांग्रेस प्रत्याशी सुधाकर चमार ने कहा कि स्व पनिका राजनीति के कुशल खिलाड़ी रहे और हम-सब भी उनका सम्मान करते थे वह एक आदर्श व्यक्तित्व के रहे।

राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इण्टक के पूर्व राष्ट्रीय सचिव शशि भूषण दूबे कंचनीय ने कहा कि स्व पनिका राजनीति में कुशल खिलाड़ी रहे उनके प्रयास से नियमो को शिथिल करते हुए सात किलोमीटर मानक को तोड़ कर पतुलकी ग्राम में लालगंज से महज दो किलोमीटर पर संचार मंत्री वीर बहादुर सिंह से तत्काल प्रभाव से ब्रांच पोस्ट आफिस खोदवाया था।

रेलवे भर्ती बोर्ड चेयरमैन रहते सैकड़ों अपने समर्थकों को सहायक स्टेशन मास्टर बनाया था।

स्व श्री पनिका को श्रद्धांजलि देने वाले में कांग्रेस के वरिष्ठतम नेता सीनियर एडवोकेट राम सिंह, जनार्दन प्रसाद पाण्डेय, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एडवोकेट कमलेश दूबे एडवोकेट,कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नगर पालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष दीप चंद जैन, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राम श्रृंगार दूबे, जिला पंचायत पूर्व सदस्य राजेश नारायण तिवारी जिला कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष गुलाब चंद पाण्डेय, उत्तर प्रदेश किसान कांग्रेस कमेटी महासचिव संजय दूबे, जिला कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष रमेश चंद्र प्रजापति पप्पू, पीसीसी सदस्य द्वारिका प्रसाद पाल, पीसीसी सदस्य छोटे खान, जिला कांग्रेस कमेटी महासचिव राम नाथ दूबे, जिला कांग्रेस कमेटी महासचिव मनीष दूबे, जिला कांग्रेस कमेटी सचिव संतोष कुमार यादव, जिला कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष अमर नाथ पांडेय, जिला कांग्रेस के महासचिव संजय दूबे, बरिष्ठ नेता जगदीश्वर दूबे, पीसीसी सदस्य जनार्दन प्रसाद पाठक, शहर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एडवोकेट राकेश दत्त त्रिपाठी लालगंज ब्लॉक कांग्रेस लालगंज आध्यक्ष शिव शंकर पाण्डेय, हलियाब्लाक अध्यक्ष आश्वनी कुमार दूबे, छानबे ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष डा रवि शंकर तिवारी, शिवराज दूबे, हलिया ब्लाक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मिथिलेश मिश्रा जिला कांग्रेस महासचिव राम कृपाल मौर्य रोमेश रंजन दूबे शहर कांग्रेस कमेटी के शास्वत पाण्डेय, अंकूर श्रीवास्तव अंकित अग्रहरि, डा क्षवि राज पाल, जिला कांग्रेस सचिव रितेश मिश्रा, छोटू चौबे, बाबू रत्नेश सिंह, चंद्र दत्त त्रिपाठी एडवोकेट, आदि ने उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दी है।

 

रिपोर्ट – जगदीश शुक्ला

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