शहाबगंज (चंदौली)
खेती-बाड़ी के व्यस्त मौसम और शीत लहर के बीच किसान विकास मंच द्वारा शहाबगंज ब्लॉक के खिलची गांव में किसान चौपाल का आयोजन किया गया। चौपाल में किसानों ने खेती-बाड़ी से जुड़ी गंभीर समस्याओं पर विस्तार से विचार-विमर्श किया।
किसानों ने बताया कि खेतों में अत्यधिक नमी के कारण अभी तक बुआई का कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। बाढ़, तूफान और सैनिक कीट के संयुक्त प्रकोप से धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। कई क्षेत्रों में उपज आधी से भी कम रह गई है। इसके बावजूद कृषि लागत में कोई कमी नहीं हुई,
जिससे किसान आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।धान क्रय केंद्रों की संख्या पर्याप्त न होने के कारण किसानों को समर्थन मूल्य से 200 से 250 रुपये प्रति क्विंटल कम दाम पर बिचौलियों को धान बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। मोथा तूफान से प्रभावित कई किसानों के खेतों का सर्वे लेखपालों द्वारा अब तक नहीं किया गया है। बाढ़ और तूफान से पीड़ित किसानों को आज तक किसी प्रकार का मुआवजा नहीं मिला।
चौपाल के दौरान संगठन मंत्री राम अवध सिंह ने खलिहानों व खेतों का निरीक्षण किया।
निरीक्षण में पाया गया कि बीएन सीड कंपनी के एमटीयू 1318 धान के बीज से तैयार फसल में लगभग 75 प्रतिशत दाने हल्के (पयिया) निकले हैं, जिससे पैदावार लगभग शून्य हो गई है। जागरूक कार्यकर्ता राजेंद्र दुबे ने कहा कि एमटीयू 1318 की खेती कर किसान पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं, लेकिन दुकानदार, बीज कंपनी और जिला प्रशासन इस गंभीर समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
किसानों ने आरोप लगाया कि बीज कंपनी से मुआवजा दिलाने में प्रशासन हीलाहवाली कर रहा है। वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि अब तक किसी भी आपदा में सरकार द्वारा किसानों को समुचित मुआवजा नहीं दिया गया है। कब तक इंतजार किया जाए, इसके खिलाफ अब जोरदार आंदोलन किया जाएगा।किसानों ने ऐलान किया कि चौधरी चरण सिंह जयंती पर आयोजित किसान दिवस के अवसर पर चंदौली जिलाधिकारी के समक्ष इन सभी समस्याओं को पुरजोर तरीके से उठाया जाएगा।
चौपाल में राम भरत सिंह, राम अवध सिंह, राजेंद्र द्विवेदी, विनोद कुमार, नरेश राम, प्रदीप सिंह, शुभम कुमार सिंह सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।











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