वाराणसी। शासन के निर्देशानुसार कृषकों को उचित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराने, कालाबाजारी रोकने तथा उर्वरक गुणवत्ता बनाये रखने, बिक्री केन्द्र पर उपलब्ध स्टाक एवं पी0ओ0एस0 मशीन में प्रदर्शित स्टाक का सत्यापन करने के निमित्त जनपद-व्यापी चेकिंग अभियान के तहत् उर्वरक निरीक्षक एवं अन्य विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर जनपद के साधन सहकारी समितियों, पी0सी0एफ0 विक्रय केन्द्रों, इफको सेवा केन्द्र,आई0एफ0एफ0डी0सी0, औद्यानिक समिति एवं निजी उर्वरक विक्रेताओं के बिक्री केन्द्रों/गोदामों पर मंगलवार को छापे की कार्यवाही की गयी।
टीम का गठन जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार के आदेश के क्रम में मुख्य विकास अधिकारी प्रखर कुमार सिंह द्वारा किया गया। टीम-1 में उप कृषि निदेशक अमित जायसवाल, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी रितेश बिन्दल, वरिष्ठ प्राविधिक सहायक ग्रुप-1 रोहित कुमार सिंह जिनको विकास खण्ड-आराजीलाइन्स एवम् काशीविद्यापीठ टीम-2 में जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह, जिला उद्यान अधिकारी सुभाष कुमार जिनको विकास खण्ड-हरहुआ, बडागांव एवम् सेवापुरी टीम-3 में जिला कृषि रक्षा अधिकारी बृजेश कुमार विश्वकर्मा एवं जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी आर0पी0 सिंह
जिनको विकास खण्ड-चोलापुर, पिण्डरा एवम् टीम-4 में उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी निरूपमा सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी गिरिश चन्द्र दूबे जिनको विकास खण्ड- चिरईगांव आवंटित किया गया। छापे के दौरान नामित उर्वरक निरीक्षकों के द्वारा कुल 59 बिक्री केन्द्रों की जांच करते हुए गुणवत्ता परीक्षण हेतु 25 उर्वरक के नमूने ग्रहीत किये गये। निरीक्षण के समय उर्वरक का रख-रखाव व्यवस्थित ढंग से न रहने,
रेटबोर्ड अद्यतन न होने, प्रतिष्ठान बन्द पाये जाने तथा अभिलेख अपूर्ण पाये जाने पर मेसर्स न्यू किसान फर्टिलाइजर एजेन्सी-डिहवां, मेसर्स संजय फर्टिलाइजर एजेन्सी-मोहनसराय, मेसर्स साधन सहकारी समिति-मुर्दहां, मेसर्स साधन सहकारी समिति-शिवरामपुर, मेसर्स साधन सहकारी समिति- गोंसाईपुर नम्बर-2, मेसर्स गोल्ड गंगा खाद बीज भण्डार-पचरांव, मेसर्स सन्तु बीज भण्डार- परानापट्टी, मेसर्स अभिषेक कृषक सेवा केन्द्र-अजगरां, मेसर्स वन स्टाप शाप एग्रीजंक्शन-बेला कुल 9 प्रतिष्ठानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
निर्देशित किया गया कि जनपद के सभी उर्वरक विक्रेता अपने दुकान पर स्पष्ट रूप से रेट बोर्ड लगाए, जिसमें उर्वरकों का निर्धारित मूल्य तथा सरकार दिए द्वारा दिए जाने वाले सब्सिडी का विवरण होना चाहिए तथा किसानों को उनकी खतौनी के अनुसार पॉस मशीन में अंगूठा लगाते हुए निर्धारित दर पर उर्वरक उपलब्ध कराया जाये। यदि किसी भी उर्वरक बिक्रेता/समिति के द्वारा निर्धारित दर से अधिक दर पर बिक्री या अवैध रूप से पॉस मशीन से उर्वरक खारिज करने का प्रयास किया जाता है, तो उसके विरुद्ध उर्वरक गुण नियंत्रक के अंतर्गत कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी। इसी के साथ कृषक भाइयों को अवगत कराना है
कि जनपद में इस समय पर्याप्त मात्रा में यूरिया एवं डीएपी उर्वरक उपलब्ध है। किसी भी क्षेत्र में किसी उर्वरक की कोई कमी नहीं है। साथ ही उर्वरक से सम्बन्धित किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान हेतु किसान भाई विकास भवन के चतुर्थ तल (कमरा नम्बर-402) में स्थापित उर्वरक कन्ट्रोल रूम नम्बर-7007259547 एवम् 9369560120 पर किसी भी कार्य दिवस में फोन करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है। इसी के साथ किसान भाइयों से अपील है
कि गेहूं की फसल में पहली सिंचाई बुवाई के 20 से 21 दिन बाद अवश्य करें। पहली सिंचाई का बहुत अधिक महत्व होता है, यदि सिंचाई विलंब से करेंगे तो गेहूं की फसल में टिलरिंग कम हो पाती है, जिससे आगे चलकर उत्पादन काफी प्रभावित होता है। साथ ही साथ जिन किसान भाइयों के द्वारा सिंचाई कर ली गई है वह समय से यूरिया की टॉप ड्रेसिंग करें तथा यदि गेहूं की फसल में खरपतवार हो तो खरपतवार नाशी का भी प्रयोग करें।











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