मिर्जापुर
रेलवे सुरक्षा बल ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ के माध्यम से रेलवे परिसरों एवं ट्रेनों में पाए जाने वाले असुरक्षित या संकटग्रस्त बच्चों को बचाने का सतत प्रयास करता है। यह केवल एक अभियान नहीं, बल्कि उन हजारों बच्चों के लिए जीवन रेखा है जो किसी कारणवश घर से भटक जाते हैं या सहायता की आवश्यकता में होते हैं। ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ बाल सुरक्षा एवं संरक्षण की दिशा में रेलवे सुरक्षा बल की एक संवेदनशील पहल है, जिसके माध्यम से बाल श्रम, तस्करी एवं लापता बच्चों पर प्रभावी नियंत्रण पाया गया है।
सोमवार, 8 दिसंबर 2025 को रेलवे सुरक्षा बल/मिर्जापुर के उप निरीक्षक भोलानाथ एवं उनकी टीम गश्त पर थी। इस दौरान प्लेटफार्म संख्या 02 के हावड़ा छोर पर तीन बच्चे डरे और सहमे हुए अवस्था में बैठे पाए गए. उनसे पूछने पर उन्होंने अपना नाम – किशन उर्फ विकास (16 वर्ष), अम्बुज (13 वर्ष) और निखिल (16 वर्ष) बताया
रेलवे सुरक्षा बल/मिर्जापुर द्वारा सहानुभूति के साथ पूछताछ करने पर किशन ने बताया कि वह गांव से घूमने आया था, जबकि अम्बुज और निखिल ने बताया कि वे घर से बिना बताए सूरत में काम करने के लिए जा रहे थे। तीनों बच्चों को सुरक्षित रूप से रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट मिर्जापुर लाया गया। सभी औपचारिकताएँ पूरी करने के बाद तीनों बच्चों को चाइल्ड हेल्प डेस्क मिर्जापुर को सौंप दिया गया।
रेल प्रशासन आमजन से अपील करता है कि किसी भी नाबालिग बच्चे को असहाय, भटकता हुआ या असुरक्षित अवस्था में देखें तो तुरंत रेलवे हेल्पलाइन 139 पर सूचना दें। आपकी एक कॉल किसी बच्चे को सुरक्षित घर पहुंचाने में मददगार हो सकती है। यह जानकारी प्रयागराज मंडल उत्तर मध्य रेलवे के जनसम्पर्क अधिकारी अमित कुमार सिंह ने दी है।
रिपोर्ट – भोलानाथ यादव











Users Today : 40
Users This Year : 11332
Total Users : 11333
Views Today : 60
Total views : 24180