पूर्वांचल का अग्रणी हॉस्पिटल बना एसएसपीजी

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वाराणसी।  कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल मरीजों की सुविधाओं के मामले में लगातार बुलंदियों को छू रहा है. तीन फैसिलिटीज पहले से मरीजों दी जा रही है. अब एक सुविधा और जुड़ गया है. यानी कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल अब चार सुविधाओं वाला पूर्वांचल का अग्रणी हॉस्पिटल बन गया है .इस बार स्नेक बाइट का केस काफी आया, लेकिन हास्पिटल के डाक्टरों ने सभी को बचा लिया. इसके लिए हास्पिटल में इंजेक्शन की कमी नहीं हुई, वहीं डॉग बाइट का इंजेक्शन भी इस बार सबसे अधिक लगाया गया. साथ ही मानव सेवा में भी हास्पिटल ने नेक कार्य किया. आइए जानते हैं क्या है हास्पिटल की सुविधाएं.

कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल में इस बार 1654 लोगों को कुत्ते काटने की वैक्सीन एआरएस लगाया गया, जबकि पिछले साल यह संख्या काफी कम रही. डॉग बाइट्स के केस को देखते हुए हास्पिटल में एआरवी व एआरएस इंजेक्शन की व्यवस्था की गयी है.कुत्ते काटने की वैक्सीन एआरवी (ARV) व एआरएस (ARS) निःशुल्क उपलब्ध है. 2024 में 247 वायल एआरवी तथा कुल 763 मरीज एवं एआरएस 5 वायल, वर्ष 2025 में 270 वायल मरीज 1654 एआरएस 85 वायल मरीज 114 को लगाया गया.

कबीरचौरा हास्पिटल में इस बार स्नैक बाइट वाले मरीज खूब आए. अब तक 65 मरीजों को इंजेक्शन लगाकर इलाज किया गया. आज वह सभी लोग ठीक हैं. अस्पताल के प्रभारी डा. ब्रजेश कुमार ने बताया कि हास्पिटल में सांप काटने का भी इंजेक्शन लगाया जाता है वह भी नि:शुल्क. हास्पिटल में पिछले साल यानी 2024 में मरीज 45 तथा एएसवी 64 वायल, वर्ष 2025 में मरीज 65 तथा 121 वायल एएसवी एंटी स्नेक वेनम लगाया गया. हर दिन कोई न कोई सांप काटने का केस लेकर आता है. उसका प्रॉपर तरीके से ट्रीटमेंट किया जा रहा है.

निराश्रित मरीजों का इलाज भी नि:शुल्क किया जा रहा है. मरीजों का इलाज करने के बाद पुनर्वासित भी किया जा रहा है. वर्ष 2024 में 316 व वर्ष 2025 में 369 निराश्रित मरीजों को भर्ती कर उनकी चिकित्सा सेवा की गई. प्रॉपर तरीके से ट्रीटमेंट करने के बाद उन्हें उनके घर भी पहुंचाया गया.हास्पिटल के परिसर में कोई भी मरीज भटकता हुआ दिखाई देता है तो तुरंत इसकी सूचना हास्पिटल के प्रभारी को देने के बाद उन्हें एडमिट कर ट्रीटमेंट शुरू कर दिया जाता है. अब तक 60 से अधिक लोगों को इलाज करने के बाद उन्हें घर पहुंचाया गया है.

मंडलीय अस्पताल के डाक्टरों ने अब तक 35 से अधिक मरीजों को हार्ट अटैक से बचाया है. हास्पिटल में जो भी मरीज हार्ट अटैक से पीड़ित होकर आता है, उसकी प्रॉपर तरीके से बीएचयू के डाक्टर इलाज करते हैं. कबीरचौरा हास्पिटल के ग्रुप के साथ बीएचयू के भी डाक्टर जुड़े हैं जो मरीज का प्रापर तरीके से ट्रीटमेंट करते हैं. मरीज को हार्ट अटैक आने पर तुरंत उनको टेनेक्टाप्लेज इंजेक्शन लगाया जाता है. मरीज जितनी जल्दी हास्पिटल पहुंचेगा उतनी ही जल्दी राहत मिलेगी. निजी हास्पिटल में जो इंजेक्शन लाखों रुपए में दिया जाता है

वहीं कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल में टेनेक्टाप्लेज को नि:शुल्क लगाया जाता है.इसके लिए हास्पिटल में हृदयघात चिकित्सा सेवा स्टेमी प्रोग्राम चलाया जाता है. चिकित्सालय के स्टेमी क्लीनिक में वर्ष 2024 में 44 मरीजों को भर्ती कर 47 इन्जेक्शन टेनेक्टाप्लेज लगाया गया. इसके बाद 2025 में कुल 35 मरीजों को 47 इन्जेक्शन निःशुल्क लगाकर जान बचायी गयी.

 

 

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