जौनपुर में 42 करोड़ की कोडिन सिरप तस्करी का पर्दाफाश!

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जौनपुर

जिले में कोडिन युक्त फेंसिडिल कफ सिरप की अब तक की सबसे बड़ी तस्करी का खुलासा हुआ है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, लखनऊ आयुक्त के निर्देश पर जिला औषधि निरीक्षक रजत कुमार पांडेय द्वारा की गई छापेमारी में 18.90 लाख प्रतिबंधित सिरप की अवैध बिक्री और तस्करी के पुख्ता सबूत मिले हैं। इसकी बाजार कीमत लगभग 42.45 करोड़ रुपये आंकी गई है।

यह खुलासा जिले के मेडिकल कारोबार से जुड़े कई चेहरों को बेनकाब कर गया है। प्रशासन ने 12 मेडिकल फर्मों के खिलाफ FIR की प्रक्रिया शुरू कर दी है और लाइसेंस रद्द करने की तैयारी चल रही है।

छापेमारी में कई मेडिकल एजेंसियां बंद मिलीं

औचक निरीक्षण के दौरान शहर और ग्रामीण क्षेत्रों की कई मेडिकल एजेंसियां शक के दायरे में पाई गईं। कई दुकानों के शटर बंद थे, जबकि रिकॉर्ड में भारी अनियमितताएं मिलीं।

निरीक्षण में जिन एजेंसियों पर उंगलियां उठी हैं, उनमें शामिल हैं—

शहर क्षेत्र

* मिलन ड्रग एजेंसी — बलुआघाट

* मिलन ड्रग सेंटर — ढालघर

* पूर्वांचल एसोसिएट — ढालघर

* सौक्षय फार्मा — सरफराजपुर

* आकाश मेडिकल एजेंसी — चितासराय

* शिवम मेडिकल एजेंसी — बेगमगंज चुंगी रोड

अन्य स्थान

* मून मेडिकल एजेंसी — शाहगंज

* निगम मेडिकल एजेंसी — ओलंदगंज

* हर्ष मेडिकल एजेंसी — गोपाल कटरा

* बद्रीनाथ फार्मेसी एवं सर्जिकल — नईगंज

* एसएन मेडिकल एजेंसी — मुफ्ती मोहल्ला

रिकॉर्ड में हेरफेर और अवैध बिक्री के ठोस प्रमाण

जांच टीम को कई दुकानों पर—

• एनआरएक्स कैटेगरी की दवाओं की बिना रजिस्टर बिक्री,

• कोडिन युक्त फेंसिडिल सिरप की अनियमित खरीद-बिक्री,

• रिकॉर्ड में भारी गड़बड़ी,

• स्टॉक में गैर-अनुमोदित दवाओं की उपलब्धता
के प्रमाण मिले हैं।

इन फर्मों द्वारा बेचे गए सिरप की मात्रा देखकर अधिकारियों के भी होश उड़ गए। अनुमान है कि यह नेटवर्क लंबे समय से नशे के कारोबार को बढ़ावा दे रहा था।

FIR दर्ज कराने में प्रशासन की तत्परता

औषधि प्रशासन ने सभी प्रमाणों के आधार पर कोतवाली पुलिस को तहरीर सौंप दी है। अब संबंधित मेडिकल फर्मों और उनके संचालकों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई तय मानी जा रही है।

जल्द रद्द होंगे लाइसेंस, होगा वित्तीय ऑडिट

जिला औषधि निरीक्षक ने बताया कि जांच रिपोर्ट लखनऊ भेज दी गई है, जहां—

* इन फर्मों के दवा बिक्री लाइसेंस रद्द करने की अनुशंसा,

* पिछले कई महीनों की खरीद-बिक्री का विस्तृत ऑडिट,

* संभावित साजिशकर्ताओं की पहचान
की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

यह कार्रवाई सिर्फ शुरुआत—

आगे कई और बड़े खुलासे होने की संभावना

जांच टीम को मिले दस्तावेजों और डिजिटल रिकॉर्ड से संकेत मिल रहे हैं कि यह नेटवर्क जौनपुर ही नहीं, बल्कि पूर्वांचल के कई जिलों में फैला हो सकता है। आने वाले दिनों में इस मामले से जुड़े और नामों के सामने आने की पूरी संभावना है।

 

 

रिपोर्ट – जगदीश शुक्ला

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