ज्ञानवापी प्रकरण के 1991 केस के प्रथम वादी अधिवक्ता का निधन

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, 96 वर्ष के उम्र में ली अंतिम सांस

ज्ञानवापी प्रकरण में वर्ष 1991 में दाखिल हुए पहले मुकदमे के वादी अधिवक्ताओं में शामिल रहे घौसाबाद नदेसर निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता संकठा तिवारी का मंगलवार सुबह 96 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे और घर पर ही उपचाररत थे।

एक साल पहले उनके बड़े बेटे अधिवक्ता अरुण तिवारी का हृदयघात से निधन हो गया था। छोटे बेटे तरूण तिवारी हाईकोर्ट में अधिवक्ता हैं।

दान बहादुर सिंह के साथ मिलकर उन्होंने ज्ञानवापी के 1991 मुकदमे का दस्तावेज तैयार किया था। विद्वता के साथ ही उनकी सिविल मामलों में गहरी पकड़ थी। सहज-सादगी के कारण उनकी की पहचान एक मार्गदर्शक के रूप में रही।

 

 

रिपोर्ट – जगदीश शुक्ला

 

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