वाराणसी, 09 अक्टूबर 2025 — अधिवक्ता एवं भारतीय जनता पार्टी विधि प्रकोष्ठ, काशी क्षेत्र के संयोजक शशांक शेखर त्रिपाठी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC),उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक (DGP) और पुलिस आयुक्त, वाराणसी को पत्र लिखकर मांग की है कि ऐसे सभी पटाखों के निर्माण, भंडारण, विक्रय और बिक्री पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए जिन पर हिंदू देवी-देवताओं के नाम या पवित्र चित्र अंकित हों।
शशांक शेखर ने पत्र में उल्लेख किया है कि बाजारों में बड़े पैमाने पर ऐसे पटाखे उपलब्ध हो रहे हैं जिन पर भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण, माँ दुर्गा, भगवान शिव आदि के पवित्र चित्र या नाम छपे होते हैं। इन पटाखों के फटने पर छवियों का दहन या विकृति होकर उनका अपमान होता है, जो हिंदू धर्मावलंबियों की धार्मिक भावनाओं को गहराई से आहत करता है और सामाजिक सौहार्द के लिए खतरा उत्पन्न करता है।
उन्होंने इसे धार्मिक भावनाओं और मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मामला बताते हुए कहा कि देवी-देवताओं के नाम या छवियों का व्यावसायिक प्रयोग, विशेषकर विस्फोटक वस्तुओं पर, नागरिकों के आस्था और गरिमा पर आघात है तथा यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत “गरिमा के साथ जीवन के अधिकार” का भी उल्लंघन है।
कानूनी दृष्टि से उन्होंने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराएं 295A और 298, तथा भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धाराएं 298, 299, 300 और 302 का उल्लेख किया जो धार्मिक प्रतीकों के अपमान और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले कृत्यों को दंडनीय बनाती हैं।
संविधान के अनुच्छेद 25(धर्म की स्वतंत्रता) और अनुच्छेद 51A(e) (सभी धर्मों के प्रति सहिष्णुता) के साथ, Universal Declaration of Human Rights (Article 18) का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य का कर्तव्य है कि वह धार्मिक भावनाओं की रक्षा करे और ऐसे उत्पादों पर रोक लगाए।
शशांक शेखर ने एनएचआरसी से मांग की है कि: इस मामले में संज्ञान लेकर केंद्र और राज्य सरकारों को स्पष्ट निर्देश दें। देवी-देवताओं या किसी भी धर्म के पवित्र प्रतीकों वाले पटाखों के निर्माण, भंडारण और बिक्री पर पूर्ण रोक लगाई जाए। पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को तत्काल छापेमारी और निगरानी के आदेश दिए जाएं। जनजागरण अभियान चलाकर धार्मिक प्रतीकों के सम्मान की सामाजिक चेतना बढ़ाई जाए।
उन्होंने अपने पत्र की प्रतिलिपि डीजीपी उत्तर प्रदेश और पुलिस आयुक्त वाराणसी को भेजते हुए स्थानीय स्तर पर तुरंत कार्रवाई की भी मांग की है। दोषियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही पर बल देते हुए उन्होंने कहा, “देवी-देवताओं की छवियों का अपमान किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है। प्रशासन को स्थायी समाधान सुनिश्चित करना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।”









Users Today : 152
Users This Year : 11444
Total Users : 11445
Views Today : 203
Total views : 24323