काशी हिंदू विश्वविद्यालय और स्वीडन के कार्लस्टाड विश्वविद्यालय के बीच शैक्षणिक साझेदारी को मिला नया आयाम एमओयू नवीनीकरण से खुलेंगे वैश्विक शिक्षा के नए द्वार

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वाराणसी   काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) और स्वीडन के कार्लस्टाड विश्वविद्यालय (Karlstad University) के बीच वर्षों से चल रहे शैक्षणिक सहयोग को एक नई ऊर्जा और दिशा मिली है। मंगलवार को दोनों संस्थानों के बीच हुए एमओयू (MOU) के नवीनीकरण ने शिक्षा, अनुसंधान और सांस्कृतिक सहयोग के क्षेत्र में नए अवसरों के द्वार खोल दिए हैं। विश्वविद्यालय के केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित समारोह में दोनों विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने समझौते की प्रतियों का आदान-प्रदान किया। इस नवीनीकृत समझौते का उद्देश्य न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देना है बल्कि संयुक्त अनुसंधान, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और शिक्षक-छात्र विनिमय कार्यक्रमों को और सशक्त बनाना है।

 

वैश्विक शिक्षा में नया अध्याय

कार्यक्रम में बीएचयू के कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी, अंतरराष्ट्रीय सहयोग समन्वयक प्रो. राजेश सिंह, मालवीय सेंटर फॉर पीस रिसर्च के समन्वयक प्रो. मनोज कुमार मिश्रा और सामाजिक विज्ञान संकाय के सहायक प्रोफेसर डॉ. अजय कुमार यादव मौजूद रहे।

वहीं, कार्लस्टाड विश्वविद्यालय की ओर से आए प्रतिनिधिमंडल में प्रो. पावेल ओडिनियेक (इंडिया स्टडीज प्रोग्राम प्रमुख), प्रो. जोहाना एल्फग्रेन (मानविकी और सामाजिक विज्ञान संकाय निदेशक), तथा प्रो. कारोलीना एलेगॉड शामिल थीं।

कुलपति बोले — शिक्षा से ही बनता है शांति और समझ का सेतु

इस अवसर पर कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि “इस अंतरराष्ट्रीय सहयोग से न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता में वृद्धि होगी, बल्कि राष्ट्रों के बीच आपसी समझ और सांस्कृतिक संवाद भी मजबूत होंगे।”
उन्होंने कहा कि यह एमओयू बीएचयू की वैश्विक शिक्षा दृष्टि को और सशक्त बनाएगा तथा विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर देगा।

कार्लस्टाड विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों की बड़ी घोषणा

कार्लस्टाड विश्वविद्यालय के प्रो. पावेल ओडिनियेक ने बताया कि विश्वविद्यालय अब बीएचयू के साथ शांति अध्ययन (Peace Studies), अंतरसंस्कृति शिक्षा और अंतःविषयक अनुसंधान (Interdisciplinary Research) के क्षेत्रों में साझेदारी को आगे बढ़ाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि “नए एमओयू के तहत बीएचयू के विद्यार्थी और शोधार्थी कार्लस्टाड विश्वविद्यालय के कोर्स — चाहे ऑनलाइन हों या स्वीडन में ऑफलाइन — बिना किसी फीस के कर सकेंगे।”

संयुक्त अनुसंधान और सेमिनारों की योजना

एमओयू के तहत दोनों विश्वविद्यालय संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं, सेमिनारों, अकादमिक वर्कशॉप्स और शिक्षक-छात्र विनिमय कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे।
इसका उद्देश्य वैश्विक शिक्षा, शांति अध्ययन और सतत विकास (Sustainable Development) के साझा लक्ष्यों को बढ़ावा देना है।

भारत-स्वीडन संबंधों में नया अध्याय

बीएचयू और कार्लस्टाड विश्वविद्यालय का यह समझौता न केवल शिक्षा के क्षेत्र में, बल्कि सांस्कृतिक और वैचारिक स्तर पर भी भारत-स्वीडन के रिश्तों को मजबूती देने वाला मील का पत्थर माना जा रहा है।
यह पहल दोनों देशों के युवाओं को एक-दूसरे की संस्कृति, मूल्यों और शिक्षा प्रणाली को समझने का अवसर प्रदान करेगी।

 

 

रिपोर्ट विजयलक्ष्मी तिवारी

 

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