कमालपुर सदगुरु सदाफलदेव विहंगम योग संस्थान के तत्वाधान में कैंप कार्यालय पर सत्संग समारोह का भव्य आयोजन हुआ।जिसमें विहंगम योग के युवा प्रचारक एवं योग प्रशिक्षक संतोष अग्रवाल ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा जीवित माता पिता की सेवा ही सच्चा श्राद्ध है।उन्होंने कहा कि अभी पितृ पक्ष का पावन समय चल रहा है हम सभी अपने पूर्वजों, पितरों का पिण्ड दान एवं तर्पण करते हैं। जो हम सबको करना भी चाहिए l
परंतु दूसरी ओर घर में जीवित माता पिता व बुजुर्गों जो रोटी के एक निवाला के लिए तरसते हैं उन्हें उपेक्षा की दृष्टि से देखते हैं। उनका तिरस्कार करते हैं और वहीं उनके मृत्यु के बाद लम्बा चौड़ा तर्पण कर, पिण्ड दान कर हम अपने पुत्र धर्म की श्रेष्ठता को सिद्ध करते हैं।इस पितृ पक्ष में जहां पर मरणोपरांत आत्मा की शांति के लिये अपने पूर्वजों के लिए पिण्ड दान, तर्पण श्राद्ध जैसी अनूठी परंपरा को निभाना और वहीं दूसरी ओर अपने जीवित माता पिता, बुजुर्गों को उपेक्षा की दृष्टि से देखना, उनका तिरस्कार करना, उन बूढ़े माता पिता बुजुर्गों को वृद्धाश्रम ले जाकर छोड़ देना यह लज्जाजनक एवं अमानवीयता ही तो है l
संतोष अग्रवाल जी ने कहा कि जीवित माता पिता के प्रति हमारा स्नेह और प्रेम उस समय कहां चला जाता है तो फिर हम कौन सी श्राद्ध की बात करते हैं? कैसा श्राद्ध? कैसा तर्पण? आज हम सबको यह ध्यान जरूर रखना चाहिए कि जो जीवित माता पिता के प्रति सच्ची श्रद्धा एवं प्रेम रखते हैं वही व्यक्ति , मृतक माता पिता, बुजुर्गों एवं पुर्वजों को श्राद्ध करने के सच्चे अधिकारी होते हैं।
रिपोर्ट-आलिम हाशमी









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