दिशा-निर्देश-
1. NCCRP पोर्टल-
सभी दर्ज साइबर शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
शिकायतों की रियल-टाइम ट्रैकिंग कर त्वरित फॉलो-अप सुनिश्चित किया जाए।
गंभीर/वित्तीय हानि वाले मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया जाए ।
05 लाख रूपये या उससे अधिक के फ्राड की शिकायत पर तत्काल अभियोग पंजीकृत कर वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये ।
थानेवार लंबित शिकायतों की साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी ।
2. मोबाइल नंबर एवं IMEI ब्लॉकिंग-
साइबर अपराध में प्रयुक्त मोबाइल नंबर एवं IMEI नंबर को तत्काल ब्लॉक कराया जाए ।
सभी थानों में ब्लॉक किए गए मोबाइल नंबर/IMEI का अलग रजिस्टर बनाकर क्रमवार प्रविष्टि की जाए ।
फर्जी/OTP फ्रॉड में प्रयुक्त नंबरों का डेटा साइबर सेल के साथ साझा किया जाए।
3. म्यूल अकाउंट्स-
साइबर अपराधों में प्रयुक्त संदिग्ध बैंक खातों की सूची अपडेट कर ब्लैकलिस्ट की जाए।
संबंधित बैंक शाखाओं के साथ समन्वय स्थापित कर समय से खाते फ्रीज कराए जाएं।
जिन व्यक्तियों के नाम पर म्यूल अकाउंट मिले हैं, उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाए ।
थानावार रजिस्टर बनाकर म्यूल एकाउण्ट का डाटा भी रखा जाये ।
4. प्वाइंट ऑफ सेल (POS)-
साइबर फ्राड की प्राप्त शिकायतों में सिम जारी करने वाले PoS के वेरिफिकेशन किये जायें एवं दोषी पाये जाने पर उनके विरूद्ध प्रभावी वैधानिक कार्यवाही की जाये ।
थानावार रजिस्टर बनाकर PoS का डाटा भी रखा जाये ।
5. आदतन साइबर अपराधियों का डेटाबेस (रजिस्टर) तैयार किये जाने के निर्देश-
जिन व्यक्तियों पर पहले साइबर धोखाधड़ी के मामले दर्ज हुए हों, उनका अलग रजिस्टर तैयार किया जाए ।
ऐसे व्यक्तियों की गतिविधियों की निरंतर निगरानी की जाए।
उनके मोबाइल नंबर, बैंक खातों, सोशल मीडिया आईडी आदि का डिजिटल प्रोफाइल तैयार किया जाए ।
पुनरावृत्ति की स्थिति में कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
6. प्रतिबिम्ब पोर्टल-
प्रतिबिम्ब पोर्टल पर प्रदर्शित संदिग्ध मो0नं0 की संख्या का अवलोकन कर हॉट-स्पॉट चिन्हित किये जाये ।
ऐसे स्थानों पर योजनाबद्ध रूप से कार्यवाही सुनिश्चित की जाये ।
7. JMIS पोर्टल पर अनिवार्य अपडेट और अनुपालन
विवेचना से संबंधित प्रत्येक महत्वपूर्ण कार्यवाही JIMS पोर्टल पर समय से अपडेट की जाए।
लंबित विवेचनाओं की डिजिटल मॉनिटरिंग कर समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।

दिनांक 18.11.2025 को पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी श्री मोहित अग्रवाल द्वारा साइबर क्राइम एवं क्राइम ब्रांच की व्यापक समीक्षा की गई, जिसमें साइबर अपराधों की रोकथाम, प्रभावी जांच और त्वरित कार्रवाई हेतु महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए गए । उन्होंने NCCRP पोर्टल पर दर्ज सभी शिकायतों के समयबद्ध निस्तारण, गंभीर मामलों की प्राथमिकता, पाँच लाख रुपये से अधिक के फ्रॉड में तत्काल अभियोग पंजीकरण और लंबित शिकायतों की साप्ताहिक समीक्षा के निर्देश दिए ।
साइबर अपराध में प्रयुक्त मोबाइल नंबर व IMEI को तत्काल ब्लॉक कराने, उसका रजिस्टर बनाए रखने तथा OTP/फर्जी नंबरों का डेटा साझा करने पर जोर दिया गया। म्यूल अकाउंट पहचान, बैंक समन्वय, खाते फ्रीज कराने, थानावार रजिस्टर बनाने और पुनरावृत्ति रोकने हेतु निगरानी के लिए निर्देश दिए गए । PoS से जुड़े फ्रॉड में संबंधित PoS की सत्यापन जांच तथा दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया। आदतन साइबर अपराधियों का विस्तृत डेटाबेस तैयार कर उनकी गतिविधियों की सतत निगरानी, डिजिटल प्रोफाइलिंग और दोबारा अपराध पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए ।
प्रतिबिम्ब पोर्टल के माध्यम से संदिग्ध मोबाइल नंबर वाले हॉटस्पॉट चिन्हित कर योजनाबद्ध कार्रवाई तथा JMIS पोर्टल पर विवेचना की समयबद्ध अपडेट और मॉनिटरिंग अनिवार्य की गई । यह सभी निर्देश साइबर अपराध नियंत्रण को अधिक प्रभावी, तकनीकी और समयबद्ध बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं । इस दौरान पुलिस उपायुक्त अपराध सरवणन टी अपर पुलिस उपायुक्त साइबर क्राइम नीतू, सहायक पुलिस आयुक्त साइबर क्राइम विदुष सक्सेना सहित अन्य अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहे ।











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