जिसमें बच्चों को 1962 में हुए भारत चीन युद्ध के विषय में बताया गया और वीर सपूतों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया ।इस अवसर पर प्रधानाध्यापक संजय यादव द्वारा रेजांगला में हुए युद्ध पर विस्तार से बताया गया।
1962 में 18 नवंबर के दिन कुमाऊं रेजीमेंट के चार्ली कंपनी जिसका एक नाम अहीर कंपनी भी था। जिसमें कुल 123 सैनिक थे जिसका नेतृत्व मेजर शैतान सिंह भाटी कर रहे थे ।इस कंपनी द्वारा 18 नवंबर 1962 को लद्दाख के चुशूल सेक्टर में स्थित रेजांगला में जो युद्ध भारत चीन हुआ उसे युद्ध को दुनिया के महानतम युद्ध में से एक माना जाता है ।इस युद्ध में चीनी सैनिकों की संख्या भारतीय जवानों से 10 गुना से भी ज्यादा थी चीन के 1300 सैनिक और उसके जवाब में 120 भारतीय जवान जिनके पास आधुनिक हथियार भी नहीं थे ।आमने-सामने युद्ध हुआ जिसमें भारतीय जवानों ने शस्त्र के साथ मल युद्ध तक किया और 1300 चीनी सैनिकों को मार गिराया और 118 भारतीय सैनिक भी शहीद हो गए। इस युद्ध की खबर जब रेडियो पर प्रसारित हुई तो सुबह सैर के निकले उसे समय के महान गीतकार कवि प्रदीप द्वारा गाना लिखा गया” दस दसको एक ने मारा फिर अपनी लाश बिछा दी है मेरे वतन के लोगों जरा याद करो कुर्बानी “यह गीत उन्होंने एक दुकानदार से सिगरेट के पैकेट के कागज पर लिखा । इस गीत को जब महान गायिका लता मंगेशकर जी द्वारा 27 जनवरी 1963 को नेशनल स्टेडियम नई दिल्ली में वर्तमान भारतीय प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू सहित लाखों लोगों के उपस्थिति में गया गया तो सभी लोगों की आंखें नम हो गई ।इतिहास का यह ऐसा युद्ध था जिसमें अंतिम व्यक्ति अंतिम सांस तक लड़ा और जब भारतीय जवानों की लाशें आई तो देखा गया की किसी जवान की उंगली ट्रिगर पर थी तो कोई हाथ में हैंड ग्रेड लिए हुए दांत से पीनखींच रहा था। इस युद्ध के बाद युद्ध विराम हुआ और चीन में भारतीय जवानों की वीरता को मानते हुए कहा कि ” The bravest of brave veer ahir” यानि कि “वीरों के वीर ,वीर अहीर ” इस युद्ध के बाद रेजांगला का एक नाम अहीर धाम भी पड़ गया।इस अवसर पर निधि त्रिपाठी मधुबाला मनोरमा मौर्य तारा इत्यादि लोग उपस्थित रहे











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