अखिलानन्द बोले: भवसागर पार करने का एकमात्र साधन भागवत कथा शुरू।

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चन्दौली मुगलसराय

मंगलवार को रात्रि श्री पंचमुखी विश्वकर्मा मंदिर प्रांगण में संस्कृति संजीवनी सेवा संस्थान द्वारा संगीतमयी सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ हुआ। कथावाचक श्रीमद् भागवत व श्री मानस मर्मज्ञ अखिलानन्द जी महाराज ने दीप प्रज्वलित कर कथा का प्रारंभ किया।

मंगलवार को कथा के प्रथम दिवस पर अखिलानन्द जी महाराज ने श्रीमद् भागवत के महात्म्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने ‘सिया राम मय सब जग जानी, करहुं प्रणाम जोरि जुग पानी’ दोहे से अपनी वाणी का आरंभ किया।

महाराज ने कहा कि जीव मात्र को श्रीमद् भागवत का श्रवण अवश्य करना चाहिए। यह जीव के भवसागर से पार होने का एकमात्र साधन है। उन्होंने बताया कि भागवत हमें जीवन का सार, जीने की शैली, रहन-सहन और धर्म का ज्ञान कराती है।

अखिलानन्द जी ने यह भी कहा कि मनुष्य भगवान की भक्ति से भवसागर को पार कर सकता है। भक्ति मार्ग भगवान की शरण में जाने का सबसे सरल मार्ग है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जहां बुद्धि की आवश्यकता है, उससे कहीं अधिक आज शुद्धि की आवश्यकता है।

इस अवसर पर संतोष शर्मा, कन्हैयालाल जायसवाल, दिनेश सिंह, अतुल दूबे, यज्ञ नारायण सिंह, पी.एन. सिंह, भैयालाल पाठक, आलोक पांडेय, संतोष पाठक, विनीता अग्रहरी, मिथिलेश मिश्रा, रेखा अग्रवाल और नीलम सिन्हा सहित सैकड़ों भक्त उपस्थित रहे। छोटे लाल जायसवाल और संजय अग्रवाल सपत्निक यजमान के रूप में मौजूद थे।

 

 

रिपोर्ट – अलीम हाशमी

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