वाराणसी में सुबह से ही चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ के प्रभाव से बादल छाए हुए हैं। तेज हवाओं के साथ रुक-रुककर बारिश हो रही। दिन में अंधेरा छाया हुआ है। वहीं,गुरुवार की भोर में सुबह पांच बजे से सात बजे तक तेज हवा और बारिश ने ठंड का अहसास करा दिया। इसके बाद शाम सात बजे से अभी तक लगातार हल्की से तेज बारिश होती रही। इस दौरान तापमान में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई, जिससे मौसम में अचानक ठंडक बढ़ गई।

7.9 डिग्री घंटा तापमान
मौसम विभाग के अनुसार,वाराणसी में 18 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। अधिकतम तापमान 23.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 7.9 डिग्री सेल्सियस कम है। यह बीते 8 वर्षों में अक्टूबर माह का सबसे कम अधिकतम तापमान है। वहीं, न्यूनतम तापमान 20.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। तापमान में आई इस गिरावट ने लोगों को नवंबर जैसी ठंड का अनुभव कराया।

2 चक्रवात ने बदल दिया मौसम का मिजाज
बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रोफेसर मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि चक्रवाती तूफान मोंथा के कारण पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित कई जिलों में मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल गया है। वर्तमान में देश के विभिन्न हिस्सों में दो चक्रवाती तूफानों का प्रभाव देखने को मिल रहा है। पहला चक्रवात गुजरात तट से होकर आया है, जबकि दूसरा बंगाल की खाड़ी से पहुंचा है। इन दोनों चक्रवातों के संयुक्त असर से उत्तर प्रदेश, मध्य भारत और पूर्वोत्तर के कई इलाकों में मौसम में अचानक बदलाव हुआ है। लगातार बह रही नमी भरी हवाओं के कारण वातावरण में ठंडक बढ़ी है और तापमान सामान्य से नीचे चला गया है।
15 नवंबर से काशी में पड़ने लगेगा ठंड
उन्होंने आगे बताया कि जैसे-जैसे चक्रवाती हवाओं की गति कम होगी, मौसम में स्थिरता आने लगेगी। परंतु इन चक्रवातों के बाद उत्तर भारत में ठंडी हवाओं का दौर शुरू होने की पूरी संभावना है। अनुमान है कि 15 नवंबर के बाद से उत्तर प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में ठंड का असर स्पष्ट रूप से महसूस होने लगेगा। इससे सुबह और रात के तापमान में और गिरावट दर्ज की जा सकती है।
रिपोर्ट – धनेश्वर साहनी











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