ग्राम पंचायत बेटाबर अम्बेडकर जी के प्रांगण स्थल पर महिला एवं किशोरी संगठन के नेतृत्व में तथा सृजन सेवा ट्रस्ट लठियां, बच्छाव के सहयोग से संविधान शिल्पी डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर जी के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

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ग्राम पंचायत बच्छाव, काशी विद्यापीठ ब्लॉक ग्राम पंचायत बेटाबर अम्बेडकर जी के प्रांगण स्थल पर महिला एवं किशोरी संगठन के नेतृत्व में तथा सृजन सेवा ट्रस्ट लठियां, बच्छाव के सहयोग से संविधान शिल्पी डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर जी के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. अम्बेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि देते हुए की गई।

इसके पश्चात वक्ताओं ने संबोधित करते हुए कहा कि यह दिवस हमें एक ऐसे महान व्यक्तित्व की याद दिलाता है, जिसने अपना सम्पूर्ण जीवन मानवता की सेवा, सामाजिक परिवर्तन तथा समानता की स्थापना के लिए समर्पित कर दिया।

वक्ताओं ने डॉ. अम्बेडकर के उस विचार को स्मरण किया—
“मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ, जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे को सिखाता है।” इस अवसर पर उपस्थित महिला, किशोरी और युवाओं ने संकल्प लिया कि वे संविधान निर्माता डॉ. अम्बेडकर के विचारों और बताए गए मार्ग पर चलते हुए समावेशी, न्यायपूर्ण और संवैधानिक समाज के निर्माण में सहयोग करेंगे तथा एक सशक्त राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएँगे। कार्यक्रम में राधा,रोहित,विशाल,नीरज,प्रियंका,प्रभा समेत दर्जनों महिला, किशोरी एवं युवाओं की सहभागिता रही। वक्ता के रूप में सृजन सेवा ट्रस्ट से प्रियंका, और राजेश सिंह ने अपने विचार साझा किए।

रिपोर्ट विजयलक्ष्मी तिवारी

 

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