चन्दौली डीडीयू नगर देवोत्थान एकादशी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। लोगों ने मंदिरों-घरों पर देव उठाए और भगवान विष्णु का पूजन किया। घरों में गन्ने से लक्ष्मी का स्वरूप बनाया गया। मंदिरों में तुलसी मैया और भगवान शालिग्राम का विवाह संपन्न किया गया। नगर के काली महाल, चकिया तिराहा, बाईपास, दामादरदास पोखरा पर गन्ना का मेला लगा हुआ है।ग्रामिण सहीत नगर में घरों को सजाया गया, तुलसी मैया का पूजन हुआ, घर के साथ मंदिर, तुलसी, पीपल आदि जगहों पर दीपक जलाकर पूजन किया। देवी लक्ष्मी के पूजन के लिए बाजार में गन्ना और सिंघाड़े की खूब बिक्री हुई।

मान्यता है कि इस तरह से पूजा अर्चना करके भगवान विष्णु को जगाने से लक्ष्मी जी की विशेष कृपा बरसती है। ऐसे में मंगल कार्य की शुरुआत हो जाती है। अब अगले एक महीने तक विवाह आदि शुभ कार्य होते रहेंगे। मान्यता है कि देवोत्थान एकादशी को तुलसी जी पृथ्वी लोक से बैकुंठ में चली जाती हैं और देवताओं की जागृति होकर उनकी सभी शक्तियां पृथ्वी लोक में आकर लोक कल्याणकारी बन जाती है।नगर के विभिन्न मंदिरों में महिलाओं ने तुलसी जी का विवाह किया। तुलसी महारानी का सोलह शृंगार कर पूजन किया। तुलसी महारानी नमो-नमो भजन पर जमकर तालियां बजाई।

लोगों ने गन्ना, सिंगाड़े, गुड़ आदि का पूजन किया। गेरू और चावल के घोल से गोमाता के खीर बनाए गए और उनका पूजन हुआ। इस दौरान नगर में गन्ना का ज्यादा डिमांड रहा। नगर के काली महाल, चकिया तिराहा, बाईपास, दामादरदास पोखरा पर गन्ना का मेला लगा हुआ है। इस बार गन्ना का रेट 40 रुपये जोंड़ा से लगकर 100 रुपये जोड़ा तक बिक रहा हैं। वही लोगो का कहना हैं कि इस बार देवोत्थान एकादशी का पर्व दो दिन शनिवार व रविवार को मनाया जाएगा जिसके वजह से बाजार में गन्ना का डिमांड ज्यादा बढ़ गया हैं।












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