नई दिल्ली
भारतीय सेना के तीनों अंगों के संयुक्त प्रमुख, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने हाल के एक कार्यक्रम में देश की रक्षा‐तैयारियों पर असर डालने वाली देरी और गलत दावों को लेकर निजी रक्षा कंपनियों को कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि हथियार और उपकरण सप्लाई करने वाली कंपनियों को सिर्फ मुनाफे पर न चलकर देशभक्ति और राष्ट्रहित को प्राथमिकता देनी चाहिए।
CDS ने कंपनियों द्वारा आपातकालीन खरीद (EP) में समय पर आपूर्ति न करने, “ओवर-प्रॉमिस” करने और उपकरणों को “70% स्वदेशी” बताकर वास्तविक जानकारी छिपाने जैसी शिकायतों पर नाराज़गी जताई। उन्होंने चेताया कि ऐसी प्रवृत्तियाँ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए स्वीकार्य नहीं हैं।
इसके साथ ही, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हाल में नौसेना के कार्यक्रम “स्वावलंबन 2025” में कहा कि “मुनाफा कमाना गलत नहीं है, पर राष्ट्रवाद और देशहित सर्वोपरि होना चाहिए।” उन्होंने रक्षा उद्योग से आग्रह किया कि वे आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को समझते हुए समयबद्ध और ईमानदार आपूर्ति सुनिश्चित करें।
रक्षा मंत्रालय ने भी संकेत दिया है कि महत्वपूर्ण अनुबंधों में देरी करने वाली कंपनियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और आवश्यकता पड़ने पर ऐसे अनुबंध रद्द भी किए जा सकते हैं।
रिपोर्ट – जगदीश शुक्ला












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