21 नवम्बर 2022 को वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने पलटवार करते हुए बड़ागाँव थाना क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में बिहार के शातिर बदमाशों रजनीश उर्फ बउआ और उसके सगे भाई मनीष सिंह को मार गिराया था और दरोगा अजय यादव की सरकारी पिस्टल बदमाशों के पास से बरामद कर ली थी, मुठभेड़ के दौरान रजनीश और मनीष का तीसरा भाई लल्लन सिंह भागने में सफल रहा था
रजनीश उर्फ बऊआ,मनीष सिंह और लल्लन सिंह तीनो सगे भाई शातिर हत्यारे व लुटेरे थे और पुलिस हिरासत से पटना की जिला अदालत के शौचालय की दीवार तोड़कर फरार हो गए थे। बिहार में पुलिस की तीन पिस्टल और एक रिवॉल्वर लूट चुके थे। बिहार में भी पुलिसकर्मियों की हत्या और कई लूट की घटनाओं को अंजाम दे चुके थे, पटना से भागने के बाद तीनों भाइयों ने वाराणसी को अपना ठिकाना बनाया था और यूपी में योगी राज में अजय यादव को गोली मारना ही उनका काल साबित हुआ था
तत्कालीन पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने दरोगा को गोली मारे जाने की घटना को चुनौती के रूप में लिया था और आखिकार 2 भाई को यमराज के पास भेजकर वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने अपने दरोगा को गोली मारे जाने की घटना का बदला ले लिया था
2 भाइयों के मारे जाने के बाद तत्कालीन पुलिस आयुक्त सतीश गणेश ने लल्लन सिंह की तलाश के किया तेज तर्रार 10 पुलिस कर्मियों की एसआईटी का गठन किया था और लल्लन की तलाश में टीम ने बिहार, पंजाब सहित कई राज्यों में दबिश दी थी लेकिन आज तक 1 लाख का इनामी लल्लन सिंह पुलिस की पकड़ से दूर है।











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