एयरशिप, यूसीएवी, हाई एनर्जी लेजर, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेपन सिस्टम..एयरफोर्स के ये फ्यूचर वेपन उड़ाएंगे चीन-पाकिस्तान की नींद

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नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर में हम देख चुके हैं कि नए जमाने के युद्ध में एयर फोर्स का रोल कितना अहम हो गया है। अगर ऐसा नहीं होता तो हमारी सशस्त्र सेना बिना सीमा पार किए पाकिस्तान के 100 किलोमीटर अंदर टारगेट को तबाह नहीं कर पाती। आज की तारीख में हम इससे भी कहीं अंदर बिना दुश्मन के इलाके में घुसे उसके ठिकानों को बर्बाद करने में सक्षम हैं। लेकिन, मॉडर्न वॉरफेयर का तरीका हर दिन बदल रहा है और इसकी तकनीक विकसित हो रही है। यही वजह है कि भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने आने वाले 15 साल में वायु सेना (IAF) की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक बहुत बड़ी योजना तैयार की है। इसके तहत अरबों रुपये के हथियार और आधुनिक तकनीकी उपकरण खरीदे जाने हैं।

20 स्ट्रैटोस्फेरिक एयरशिप की जरूरत

ET की एक रिपोर्ट के मुताबिक आधुनिक जमाने के युद्ध के लिए भारतीय वायुसेना को नए तरह के हथियारों और तकनीकी उपकरणों की जरूरत है। इसके लिए कम से कम 20 स्ट्रैटोस्फेरिक एयरशिप की जरूरत पड़ेगी, जो दूर आकाश में रहकर एक ऐसा प्लेटफॉर्म देने में सक्षम है, जो रियल टाइम कम्युनिकेशन और खुफिया जानकारी जुटाकर देगा और एयर फोर्स की मारक क्षमता में चार चांद लगा देगा। इसी तरह से 5 मल्टीबैंड रेडियो फ्रिक्वेंसी सेंसर सैटेलाइट, 350 से ज्यादा एंड्योरेंस ड्रोन की भी जरूरत है, जो 30,000 फीट या ज्यादा की ऊंचाई पर 24 घंटे टिका रह सकता है।

अंतरिक्ष से युद्ध लड़ने वाले हथियार

इसके अलावा इंडियन एयरफोर्स को 75 हाई एल्टीट्यूड स्यूडो सैटेलाइट की भी आवश्यकता है, जो स्ट्रैटोस्फेयर (समताप मंडल) में 18 से 22 किलोमीटर ऊपर एयरशिप या विमानों से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे सकते हैं। इनके अलावा दूर से संचालित होने वाले हेल (HALE), वीटीओएल (VTOL) जैसे 100 से ज्यादा एयरक्राफ्ट की भी आवश्यकता है। यही नहीं, बहुत बड़ी संख्या टेक्टिकल हाई एनर्जी लेजर सिस्टम की भी आने वाले दिनों में जरूरत पड़ने वाली है। और रक्षा मंत्रालय की खरीदारी की योजना में ये सारे हथियार और उपकरण शामिल हैं। ये ऐसे सिस्टम हैं, जो अंतरिक्ष से युद्ध लड़ने में सक्षम बनाते हैं।

150 से ज्यादा यूसीएवी की आवश्यकता

ऑपरेशन सिंदूर का अनुभव है। इसको देखते हुए भारतीय वायुसेना के लिए 150 से ज्यादा स्टील्थ अन्मैंड कॉम्बैट एयरियल व्हीकल ( UCAV ) की जरूरत होगी। इसके अलावा बड़ी संख्या में हाई पॉवर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेपन सिस्टम, 250 से ज्यादा एंटी-स्वार्म ड्रोन सिसटम और 20 से अधिक डायरेक्टेड एनर्जी वेपन की भी दरकार है।

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