वाराणसी- कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर काशी में आस्था का सागर उमड़ पड़ा है। भोर से ही लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए विभिन्न घाटों पर पहुंच रहे हैं। सुबह की पहली किरण के साथ ही गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा, जिससे संपूर्ण वाराणसी शहर भक्तिमय वातावरण में डूब गया।
जिला प्रशासन के अनुसार, इस बार करीब 20 लाख श्रद्धालुओं के देव दीपावली और कार्तिक पूर्णिमा पर काशी आने की संभावना जताई गई थी, जो वास्तविकता में पूरी होती दिख रही है। अस्सी घाट से लेकर राजघाट तक गंगा तटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ आई है। गंगा स्नान करने के लिए लोग कतारों में खड़े हैं, जबकि घाटों पर “हर हर गंगे” के जयघोष से पूरा क्षेत्र गूंज उठा है।

सड़कों पर भारी भीड़, शहर हुआ जाम की चपेट में
श्रद्धालुओं की अपार भीड़ के कारण सुबह से ही वाराणसी शहर के प्रमुख मार्गों पर यातायात बाधित हो गया। लंका, गोदौलिया, चौक, मैदागिन, राजघाट और अस्सी क्षेत्र में वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। कई स्थानों पर श्रद्धालु पैदल ही घाटों की ओर बढ़ते दिखे। गलियों और सड़कों पर लोगों का रेला इस कदर है कि वाहन रेंगते हुए आगे बढ़ रहे हैं।
घाटों पर आस्था का अनोखा नज़ारा
भोर से ही श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। महिलाएँ दीपदान कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना कर रही हैं, जबकि साधु-संतों और पर्यटकों ने घाटों की सीढ़ियों से गंगा आरती और सूर्योदय का अलौकिक दृश्य देखा। स्नान के बाद श्रद्धालु काशी विश्वनाथ मंदिर की ओर दर्शन-पूजन के लिए भी जा रहे हैं।
सुरक्षा और व्यवस्था में जुटा प्रशासन
भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस बल पूरी तरह मुस्तैद है। घाटों पर एनडीआरएफ, गोताखोरों और जल पुलिस की टीमें तैनात हैं। ट्रैफिक पुलिस ने शहर के कई हिस्सों में रूट डायवर्जन लागू किया है ताकि जाम से राहत मिल सके। नगर निगम की टीम घाटों की सफाई और भीड़ नियंत्रण में लगातार लगी हुई है।
गंगा तटों पर दिव्यता और लोक परंपरा का संगम
गंगा आरती, भजन-संगीत और दीपदान से घाटों का माहौल अलौकिक बना हुआ है। श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा के इस पावन अवसर को देव दीपावली की भव्यता के साथ जोड़कर देख रहे हैं। लाखों दीपों से सजी काशी सचमुच “प्रकाश और आस्था की नगरी” बन गई है।









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