शीतलहर से बचाव के दृष्टिगत जिला प्रशासन द्वारा जारी कि गई एडवाइजरी

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मीरजापुर, 12 दिसंबर 2025-

जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार के निर्देशन में एवं अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 अजय कुमार सिंह के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन ने शीतलहर/ठंड से बचाव हेतु एडवाइजरी जारी की गई है, जिन्हे अपनाने से जनपद वासियों को शीतलहर/ध्ठंड से बचाव हेतु सुविधा होगी।

जारी की गई एडवाइजरी के अंतर्गत

– स्थानीय रेडियो, दैनिक समाचार पत्र, टी0वी0 एवं मोबाइल फोन के माध्यम से मौसम की जानकारी लेते रहें।

– कोयले की अंगीठी/मिट्टी तेल का चूल्हा/हीटर/ब्लोवर इत्यादि का प्रयोग करते समय सावधानी बरते तथा कमरे में हवा का आवागमन/वेंटिलेशन/वायु संचार बनाये रखे ताकि कमरे में विषाक्त/जहरीली धुआँ इकठा न हों।

– शरीर को सुखा रखें, गीले कपडे तुरन्त बदल लें, ये आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकते है।

– घर में अलाव का सामान न हो तो अत्याधित ठंड के दिनों में सामुदायिक केन्द्रों, आश्रय स्थलों पर जाये, जहाँ प्रशासन द्वारा अलाव का प्रबंध किया गया हो।

– ऊनी कपडे, स्वेटर, टोपी, मफलर इत्यादि का प्रयोग आपको शीत लहर/ठंड के प्रभाव से बचा सकते है। ऊनी कपड़ों के कमी की दशा में दो तीन कपड़े एक के ऊपर एक पहनकर शीत लहरध्ठंड के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

– अत्याधिक ठंड/कोहरा पड़ने पर छोटे बच्चों और बुजुर्गों को जितना हो सके उतना घर के अन्दर रखें।

– शरीर में ऊष्मा के प्रभाव को बनाये रखने के लिए पोषक आहार एवं गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें।

– धूप निकलने की दशा में इसका सेवन ठंड/शीत लहर से बचाव करेगा।

– हाइपोथर्मिया के लक्षणों जैसे शरीर का आसामान्य तापमान, भ्रम या स्मृति हानि, बेहोशी, विचलन, -अत्याधिक ठिठुरन, सुस्ती, थकान, तुतलाहट इत्यादि की स्थिति उत्पन्न होने पर अपनी नजदीकी अस्पताल से सम्पर्क करें।

– शीतदंश के लक्षणों जैसे शरीर के अंगो का सुन्न पड़ना, हाथों-पैरों की ऊंगलियों, कान, नाक आदि सफेद या पीले रंग के दाग उभर आने पर अपने नजदीकी अस्पताल से सम्पर्क करें।

– अपने आस-पास के अकेले रहने वाले किसी भी पड़ोसियों की जानकारी रखे, खासकर बुजुर्गों की एवं किसी भी आपात स्थिति में नजदीकी पुलिस स्टेशन से सम्पर्क करें।

– ठंड/शीत लहर की दशा में पालतु पशुओं/पक्षियों के बाड़े को ऊष्मा रोधी बनाने हेतु खिड़की दरवाजो को ढककर रखें परन्तु वेंटिलेशन हेतु पर्याप्त खुला स्थान भी छोड़े।

– सिगडी/अलाव/अंगीठी सोते समय बुझाकर सोये इससे आग जनी से बचा जा सकता है। सिगड़ी/अलाव/अंगीठी बन्द स्थानों पर जलाने से बचें।

 

 

रिपोर्ट- भोलानाथ यादव

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