वाराणसी
काशी तमिल संगमम 4.0 के तहत तमिल डेलिगेट्स का छठां दल बनारस स्टेशन पहुंचा। स्टेशन पर तमिल मेहमानों का भव्य स्वागत किया गया। स्वागत-सत्कार से मेहमान गदगद नजर आए। कई काशी की धरती पर पहुंचकर भावुक नजर आए। महिला डेलिगेट बोली कि काफी दिनों से बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने का सपना था। काशी पहुंचकर काफी खुशी हो रही है।
बनारस स्टेशन पर पहुंचने पर पारंपरिक स्वागत देखकर तमिल दल के सदस्यों में खासा उत्साह देखने को मिला। कई लोगों ने कहा कि काशी में मिल रही आध्यात्मिक वातावरण उनके लिए अविस्मरणीय है। डमरू वादन की ध्वनि से पूरा परिसर शिवमय हो गया और काशी व तमिलनाडु की सांस्कृतिक एकता की झलक दिखाई दी।
कार्यक्रम के तय शेड्यूल के अनुसार, तमिलनाडु से आए यह डेलिगेट्स काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन करेंगे। इसके बाद वे गंगा तट, घाटों, तथा शहर के प्रमुख सांस्कृतिक और शैक्षिक स्थलों का भ्रमण भी करेंगे। आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि अतिथियों को काशी की समृद्ध विरासत, कला, संस्कृति और अध्यात्म से परिचित कराने के लिए विशेष कार्यक्रम तैयार किए गए हैं।
दल में शामिल लक्ष्मी काशी पहुंचने पर भावुक हो गई। उन्होंने कहा कि हमारा शुरू से सपना था कि बाबा विश्वनाथ का दर्शन करें, आज काशी पहुंच कर बड़ी खुशी हो रही है। लक्ष्मी ने कहा कि कभी सोचा नहीं था कि इस तरह से काशी में आगमन होगा। वह अन्य महिलाओं के साथ दक्षिण भारतीय भाषा में भजन गाती हुई दिखाई दी। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद देते हैं कि हमारे राज्य से लोगों को उत्तर प्रदेश के प्रमुख मंदिरों में भ्रमण करने का मौका मिल रहा है। काशी और दक्षिण भारत का रिश्ता काफी पुराना है।









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